दरभंगा. लनामिवि के पदाधिकारी अब संचिका की स्थिति जानने के लिए अंतर विभागीय कर्मचारियों को मौखिक आदेश से नहीं बुला सकेंगे. इसके लिए उन्हें कुलपति से आदेश लेना आवश्यक होगा. इस आदेश का अनुपालन नहीं करने वाले पदाधिकारियों पर विश्वविद्यालय अधिनियम के प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी. कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी ने विवि मुख्यालय की कार्यालीय व्यवस्था को चुस्त- दुरुस्त करने, अभिलेख एवं संचिकाओं की सुरक्षा व गोपनीयता बनाये रखने के मद्देनजर यह आदेश दिया है. इसके आलोक में कुलसचिव ने शनिवार को कार्यालय आदेश जारी कर दिया है. जारी आदेश में कहा गया है कि पार्ट फाइल खोलने के लिए कुलपति से पूर्वानुमति आवश्यक है. पार्ट फाइल यदि पहले से खोला गया है, तो उसे मूल संचिका में संलग्न करते हुए इसकी सूची कुलपति कार्यालय में अनिवार्य रूप से जमा की जाए. कार्यालय आदेश में कहा गया है कि प्रावधान के अनुकूल कुलसचिव सभी अभिलेखों के संरक्षक होते हैं. हाल में, यह पाया गया है कि विश्वविद्यालय के आधिकारिक अभिलेख अक्सर सार्वजनिक होते रहे हैं. यह गंभीर मामला है. अभिलेख की निजता और गोपनीयता की रक्षा करने की आधिकारिक नैतिकता के यह विरुद्ध है. कार्यालयी गोपनीयता की उचित सुरक्षा सुनिश्चित करने और ऐसी किसी भी अप्रिय घटना की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि अब से कोई भी पदाधिकारी, कुलपति से पूर्वानुमति प्राप्त किए बिना अन्य कार्यालय से संचिका या कोई दस्तावेज नहीं मांगेंगे. इसके लिए लिखित आग्रह करना होगा. साथ ही कोई पदाधिकारी अपने विभाग के कर्मियों को छोड़ कर अन्य विभाग के कर्मचारियों को मौखिक रूप से नहीं बुलाएंगे और न ही किसी भी फाइल की स्थिति जानने के लिए अनुचित दबाव डालेंगे. अतिआवश्यक हो तो पदाधिकारी, कुलपति से पूर्व अनुमोदन लिखित रूप में प्राप्त करेंगे. इस संबंध में मौखिक आदेश, कदाचार के साथ- साथ जानबूझ कर अवज्ञा मानी जायेगी.
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