Flood In Bihar: कोसी की लहरों से बाढ़ का खतरा, बिहार के इस जिले में प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

Flood In Bihar: नेपाल के तराई क्षेत्र में हुई भारी वर्षा के कारण नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. कोसी बराज से 6,81,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की बात के बाद दरभंगा जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. तटबंध पर निगरानी बरती जा रही है. तथा माइकिंग के माध्यम से सतर्क रहने की अपील की जा रही है.

By Anshuman Parashar | September 29, 2024 1:23 AM

Flood In Bihar: नेपाल के तराई क्षेत्र में हुई भारी वर्षा के कारण नदियों के जलस्तर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. कोसी बराज से 6,81,000 क्यूसेक पानी छोड़ने की बात के बाद दरभंगा जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है. तटबंध पर निगरानी बरती जा रही है. तथा माइकिंग के माध्यम से सतर्क रहने की अपील की जा रही है. वही जिलाधिकारी ने बाढ़ के मद्देनजर सभी अधिकारी को सजग रहने का आदेश दिया हैं. उन्होंने कहा कि नदियों तथा बांधो पर निगरानी रखी जा रही है. अभी सभी स्थलों पर स्थिति सामान्य है.

नेपाल के जल अधिकरण क्षेत्र में 24 से 48 घंटे में काफी बारिश हुई

वही जिलाधिकारी राजीव रौशन ने कहा कि नेपाल के जल अधिकरण क्षेत्र में 24 से 48 घंटे में काफी बारिश हुई है. जिसको लेकर हम लोग अलर्ट हैं. नदी के वाटर लेवल पर नजर बनाए हुए हैं. बिरौल अनुमंडल अंतर्गत पड़ने वाले किरतपुर, घनश्यामपुर, गौराबौराम और कुशेश्वरस्थान पूर्वी के अधिकारी सहित जल संसाधन विभाग के अधिकारी को जल स्तर पर लगातार नजर बनाए रखने का निर्देश दिया गया है. बाढ़ की पानी की जैसी भी स्थिति होगी, हम लोग एक्शन लेंगे.

नदियों के जलस्तर पर निगरानी रखी जा रही

वही राजीव रौशन ने कहा कि बाढ़ के संबंध में सभी अधिकारी सजग हैं. लगातार नदियों के जलस्तर पर निगरानी रखी जा रही है. बांधों पर लगातार चौकसी की जा रही है. जहां लोगों को विस्थापित करने की आवश्यकता होगी. हम लोग विस्थापित करेंगे. लेकिन वर्तमान में वैसी स्थिति नहीं है. अभी तक खेतों में पानी आने की बातें सामने आई है. जहां तक फसल क्षति की बात है. हम लोग इसका सर्वे करवा ले लेंगे. अगर क्षति की बात सामने आती है तो किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.

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56 वर्ष बाद कोसी अपना रिकार्ड दोहराने जा रही

बताते चले कि 56 वर्ष बाद कोसी अपना रिकार्ड दोहराने जा रही है. 1968 के अक्टूबर महीने में कोसी बराज का डिस्चार्ज 7,88,000 क्यूसेक तक पहुंच गया था. दशकों बाद इतनी मात्रा में पानी छोडे जाने के कारण पूरे इलाके के लोग काफी भयभीत हैं.

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