Darbhanga News: संबद्ध शिक्षाकर्मियों का हो रहा आर्थिक, मानसिक व शारीरिक शोषण

Darbhanga News:बिहार राज्य संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ की लनामिवि इकाई के शिक्षाकर्मियों ने पांच सूत्री मांगों को लेकर विश्वविद्यालय मुख्यालय में धरना दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | February 5, 2025 10:27 PM
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Darbhanga News: दरभंगा. बिहार राज्य संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ की लनामिवि इकाई के शिक्षाकर्मियों ने पांच सूत्री मांगों को लेकर विश्वविद्यालय मुख्यालय में धरना दिया. इसमें दरभंगा सहित समस्तीपुर आदि जिले के संबद्ध कॉलेजों के शिक्षाकर्मियों ने भाग लिया. मौके पर वक्ताओं ने कहा कि संबद्ध कॉलेजों के शिक्षाकर्मियों अब तक बिना संघर्ष के कुछ नहीं मिला है. निरीक्षण और अंकेक्षण की खानापूर्ति करते हुए शिक्षाकर्मियों का आर्थिक, मानसिक और शारीरिक शोषण जारी है. महाविद्यालय द्वारा जमा उपयोगिता राज्य सरकार को विश्वविद्यालय नहीं भेज रहा है. इस कारण राज्य सरकार लंबित अनुदान भुगतान नहीं कर रही है. विवि को इसका निदान करना चाहिए.

चयनित प्राध्यापकों काे अधिसूचित नहीं कर रहा विश्वविद्यालय

वक्ताओं ने कहा कि कई कॉलेजों के शिक्षकों का चयन समिति 2018 में ही हो चुका है. कॉलेजों का शासी निकाय इसे अनुमोदित कर विश्वविद्यालय को अधिसूचित करने के लिये भेज चुका है. सात वर्षों से प्राध्यापकों को नोटिफिकेशन का इंतजार है. शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के पद सृजन का कार्य सालों से लंबित है.

कॉलेज प्रबंधन मनमाने तरीके से देता मासिक मानदेय

वक्ताओं ने कहा कि शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का पद श्रेणी क्रम में वैध रूप से मानदेय-वेतन-मासिक पारिश्रमिक अब तक तय नहीं किया गया है. इसके कारण कालेज प्रंबधन अपने लाभ के अनुसार मनमाने तरीका से मासिक मानदेय-वेतन वितरित करता है. इससे शिक्षक एवं कर्मियों के बीच क्षोभ बना रहता है. विवि को इसे संज्ञान में लेकर कार्रवाई करनी चाहिए.

कॉपी मूल्यांकन राशि में की गयी कटौती हो वापस

कहा कि केएस कालेज मूल्यांकन केंद्र निदेशक ने कॉपी मूल्यांकन राशि में से अवैध रूप से 10 से 40 प्रतिशत तक कटौती कर ली है. इसकी जांच कर शीघ्र भुगतान की मांग की गयी.

इएसआइ एवं सामूहिक बीमा का लाभ नहीं

वक्ताओं ने कहा कि नियमानुसार किसी भी संस्था में 20 से अधिक संख्या में कर्मी रखे जाने पर इएसआइ एवं सामूहिक बीमा अनिवार्य होता है. बावजूद संबद्ध कॉलेजों के शिक्षाकर्मियों को इसका लाभ नहीं दिया जा रहा है. इस अनियमितता पर न तो विश्वविद्यालय की नजर है और न ही सरकार की.

न्यायादेश एवं राज्यादेश की अवहेलना

कहा कि विश्वविद्यालय अधिनियम के मुताबिक विश्वविद्यालय को वेतन निर्धारण और नियमित निरीक्षण का अधिकार है. राजभवन तथा उच्च न्यायालय के आदेश में छह माह में वेतन निर्धारण करने का आदेश है. पुनः उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक के उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में तीन माह के अंदर सर्वमान्य वेतन निर्धारण का आदेश है. बावजूद विवि इस दिशा में कदम नहीं उठा रहा है. आंदोलन के बाद मांगों से संबंधित ज्ञापन वार्ता कर कुलानुशासक डॉ अनुरंजन, डिप्टी प्रॉक्टर डॉ कामेश्वर पासवान, कालेज निरीक्षक प्रो. अशोक कुमार मेहता को सौंपा गया. हरि प्रसाद राय की अध्यक्षता में हुये आंदोलन में सीनेट सदस्य डॉ राम सुभग चौधरी, डॉ शंभु नाथ ठाकुर, डॉ चंद्र भूषण चौधरी, डॉ कामेश्वर महतो, अजय कुमार पांडेय, डॉ कृष्ण कुमार अग्रवाल, डॉ दिलीप कुमार झा, राम लखन सिंह यादव, डॉ ज्योति रमण झा, सुभाष चंद्र राम, हसन अंसारी, असलम, ममता कुमारी, प्रेम कुमारी, चंद्रावती, विपिन कुमार, चंद्र मोहन झा परवा आदि शामिल थे.

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