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बाघ के बाद अब बिहार में गीदड़ का आतंक, लखीसराय व दरभंगा में दर्जनों लोगों को बनाया शिकार

बिहार में बाघ के बाद अब गीदड़ ने लोगों का शिकार शुरू कर दिया है. पिछले दिनों आदमखोर बाघ से जहां बगहा इलाके के लोगों में दहशत देखा गया, वहीं इन दिनों लखीसराय और दरभंगा जिले में लोगों को गीदड़ का डर सता रहा है. इन दोनों जिलों में गीदड़ ने करीब दो दर्जन लोगों को अपना शिकार बना लिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2022 1:31 PM

लखीसराय. बिहार में बाघ के बाद अब गीदड़ ने लोगों का शिकार शुरू कर दिया है. पिछले दिनों आदमखोर बाघ से जहां बगहा इलाके के लोगों में दहशत देखा गया, वहीं इन दिनों लखीसराय और दरभंगा जिले में लोगों को गीदड़ का डर सता रहा है. इन दोनों जिलों में गीदड़ ने करीब दो दर्जन लोगों को अपना शिकार बना लिया है.

अबतक करीब दर्जन भर लोगों को गीदड़ ने बनाया शिकार

जानकारी के अनुसार जिले के सदर थाना क्षेत्र में गीदड़ के हमले के लगातार कई मामले सामने आये हैं. गीदड़ के हमले से घायल लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. अबतक करीब दर्जन भर लोगों को गीदड़ अपना शिकार बना चुका है. गीदड़ के आतंक से लोगों में दहशत है. गीदड़ का आतंक यहां इस कदर बढ़ गया है कि लोग अब घर से बाहर निकलने में भी डरने लगे हैं. पिछले पांच दिनों में करीब दर्जन भर लोगों को गीदड़ ने अपना शिकार बनाया है. कई लोगों अस्पताल में इलाज चल रहा है.

दरभंगा में भी गीदड़ का आतंक

इधर, दरभंगा जिले के बेनीपुर प्रखंड के हरिपुर एवं देवराम में गीदड़ के आतंक से लोग परेशान हैं. गीदड़ के काटने से अब तक कई लोग व पशु घायल हो चुके हैं. बताया जाता है कि हरिपुर के प्रमोद मंडल, कपलेश्वर मंडल, सुंदरकांत चौधरी, लालबाबू झा, नरेश झा आदि के मवेशी को गीदड़ ने काट लिया. इसमें कई की मौत हो गयी है. लोगों ने प्रखंड प्रशासन से गीदड़ के आतंक से मुक्ति दिलाने की मांग की है.

पिछले दिनों आदमखोर से बाघ से मिली है मुक्ति

पिछले दिनों ही पश्चिमी चंपारण जिले के बगहा में आदमखोर बाघ को मार गिराया गया. वह छह महीने में 10 लोगों पर हमला कर चुका था. इन हमले में 9 लोगों की जान चली गयी थी, जबकि एक व्यक्ति जीवनभर के लिए लाचार हो गया है. आदमखोर बाघ का खौफ लोगों के दिल में घर कर गया था. वे अपने घरों से बाहर निकलने में कतरा रहे था. हमले के दौरान वो अपने घर में सो रही थी. इसके बाद राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने आदमखोर बाघ को जान से मारने की अनुमति दे दी थी.

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