सड़क हादसे में जख्मी दूसरे युवक की भी हो गयी मौत
सहसपुर पंचायत के घोघराहा चट्टी चौक पर गत 15 अप्रैल की देर रात एक बाइक व चार पहिया वाहन के आमने-सामने टक्कर में जख्मी बाइक सवार सहसपुर पंचायत के घोघराहा वार्ड छह निवासी मोहन राम (25) की मौत शनिवार को पीएमसीएच में इलाज के दौरान हो गयी
जाले. सहसपुर पंचायत के घोघराहा चट्टी चौक पर गत 15 अप्रैल की देर रात एक बाइक व चार पहिया वाहन के आमने-सामने टक्कर में जख्मी बाइक सवार सहसपुर पंचायत के घोघराहा वार्ड छह निवासी मोहन राम (25) की मौत शनिवार को पीएमसीएच में इलाज के दौरान हो गयी. वह छह दिनों से मौत से जूझ रहा था. आखिरकार शनिवार को जिंदगी का जंग हार गया. मोहन की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया. मृतक की पत्नी सुधा देवी, माता सुशीला देवी सहित अन्य परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया. मृतक अपने पीछे एक दो पुत्र छह वर्षीय आदित्य कुमार व तीन वर्षीय अयांश कुमार को छोड़ गया है. घटना की सूचना मिलते ही पूर्व मुखिया कुमकुम सिन्हा व अरुण कुमार श्रीवास्तव मृतक के घर पहुंचे. परिजनों को सांत्वना देते हुए हरसंभव मदद का भरोसा दिया. पड़ोसियों ने बताया कि मृतक के दो छोटे-छोटे बच्चें हैं. अब इसका लालन-पालन करना काफी कठिन है. सनद रहे कि इस घटना में सीतामढ़ी जिला के पुपरी थाना क्षेत्र के बहिलबारा निवासी हृदय राम के 45 वर्षीय पुत्र मनोज राम की मौत घटना स्थल पर ही हो गयी थी.
जिसे बनायी थी अपने जिंदगी की वजह, बीच मझधार में ही छोड़ गया वह बेटा :
लगभग 25 वर्ष पूर्व उसे पुत्र हुआ तो उसका घर बच्चे की किलकारी से गूंज उठा. वह अपने पुत्र को देख फूले नहीं समाती थी. हंसी-खुशी से दिन बीत रहे थे कि अचानक उसके सिर से पति पलटू राम का साया उठ गया. पति की मौत से घर में कोहराम मच गया. पड़ोसियों द्वारा उसकी गोद में बेटा देकर कहा गया कि यही तुम्हारे बुढ़ापे का सहारा है. सुशीला ने कलेजे को पत्थर बना लिया. मजदूरी कर बेटा का पालन-पोषण करने लगी. उसे समुचित तालीम देकर उसकी शादी की. बेटा की शादी के बाद वह दो पोता की दादी बन गयी. आज उसके घर में दो बच्चे की किलकारी गूंज रही थी कि विधाता ने उससे बेटा छीन लिया. बेटा के गम से बेजार सुशीला ने खुद काे घर में कैद कर लिया है. पड़ोसियों के लाख कहने पर वह अपना दरवाजा नहीं खोल रही है. वहीं मृतक की पत्नी सुधा देवी बेसुध पड़ी है. गांव की महिलाएं उसे होश में लाने का प्रयास कर रही थी. स्थानीय पूर्व मुखिया कुमकुम सिन्हा ने बताया कि मोहन महज छह माह का था, तभी उसके सिर से पिता का साया उठ गया था. अपने छह माह के एकमात्र पुत्र को लेकर मां ने इधर-उधर मजदूरी कर पालन-पोषण कर अपने बुढ़ापे की लाठी तैयार की थी. उसकी शादी कर परिवार बसाया था. आज विधाता ने उसके हाथ से वह लाठी भी छीन ली.