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जमीन सरकारी हो गयी है ताे अपने पक्ष में जमा करना होगा अभिलेख

जिले के 1234 गांवों में विशेष भूमि सर्वेक्षण को लेकर सर्वे की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.

दरभंगा. जिले के 1234 गांव में विशेष भूमि सर्वेक्षण को लेकर सर्वे की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. फिलहाल ग्राम सभा के माध्यम से लोगों को इस दिशा में जागरूक किया जा रहा है. ऑफ एवं ऑनलाइन प्रपत्र भरने की जानकारी दी जा रही है. सर्वे का अहम मकसद सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त कराना और लैंड रिकॉर्ड को पारदर्शी बनाना बताया जा रहा है. आम सभा में लोगों से कहा जा रहा है कि अगर सरकारी जमीन आपके नाम हो गयी या निजी जमीन सरकारी हो गयी हो तो अपने पक्ष में कागजात जमा करें. इस आलोक में जमीन मालिक कागजात दुरुस्त कराने में लगे हैं. हलका, अंचल, भूमि निबंधन कार्यालय, सर्वे कार्यालय, समाहरणालय के अभिलेखागार, अनुमंडल कार्यालय, न्यायालय में लोगों की लगातार भीड़ उमड़ रही है. कागजात के जानकार समेत अमीनों की दुकान खूब चल निकली है. मनमाना राशि लेकर वे जमीन मालिकों को रास्ता बता रहे हैं. कुछ अन्य लोगों की भी रोजी-रोटी फल फूल रही है.

कर्मचारी, मुंशी व बिचौलिये उठा रहे नाजायज लाभ

लोगों की सबसे अधिक भीड़ अभिलेखागार, अनुमंडल कार्यालय, भूमि निबंधन कार्यालय में दिख रही है. खतियान लेने के लिए लोगों की लंबी- लंबी लाइन रहती है. वंशावली के लिए भी न्यायालय से लेकर अनुमंडल कार्यालय तक लोग खूब भाग दौड़ कर रहे है. लोग चाहते हैं कि कम से कम समय में उन्हें संबंधित कागजात मिल जाये. इसका संबंधित कार्यालय के कर्मी, मुंशी एवं दलाल टाइप के लोग नाजायज लाभ उठा रहे हैं. रसीद कटवाने, म्यूटेशन और वंशावली बनाने के लिए वसूली हो रही है.

पूर्वजों के मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में छूट रहे पसीने

जानकारी के अनुसार जो पुश्तैनी जमीन अब भी दादा- परदादा के नाम से है, उन मृतक पूर्वजों का मृत्यु प्रमाण पत्र जमीन के कागज के साथ जमा करना जरूरी है. इसे बनाने में जमीन मालिकों के पसीने छूट रहे हैं.

खुद से बनाना है वंशावली

वंशावली तैयार करने के लिए भी लोक सैंकड़ों की संख्या में रोज कचहरी पहुंच रहे हैं. जबकि शपथ पत्र के माध्यम से वंशावली बनाने की बाध्यता नहीं है. खुद की घोषणा से ही वंशावली बनाया जाना है. वंशावली बनाने कचहरी पहुंचे रघुवंश सिंह, जितेंद्र ओझा, बलराम मिश्रा, जितेंद्र यादव, समशुल होदा ने बताया कि शपथ पत्र के माध्यम से वंशावली बनाने में 500 रुपये लग रहा है.

जब जरूरत पड़ी तब दस्तावेज की होने लगी खोज

गौड़ाबौराम, तारडीह, कुशेश्वर स्थान, कुशेश्वर पूर्वी, घनश्यामपुर, हायाघाट एवं हनुमाननगर आदि बाढ़ ग्रस्त इलाके से खतियान का नकल निकालने आए जमील अहमद, अहमद कुजरा, बिस्मिल्लाह खान, रहमत अली, बलराम झा, माधव सहनी, विजेंद्र मिश्रा, सुमन कुमार आदि ने बताया कि उन लोगों की अधिकांश जमीन का कागजात नष्ट हो चुका है. अब कागजात की जरूरत पड़ी है. कागजात का नकल निकालने आए हैं. बिचौलिये मुंह मांगा पैसा मांग रहे हैं. अधिकृत पदाधिकारी एवं कर्मी बात तक करने को तैयार नहीं हैं.

ग्राम सभा में उठ रहे सवाल

ग्राम सभा में रसीद अपडेट नहीं होने, ऑनलाइन रसीद नहीं कटने, जमाबंदी हटाए जाने, रजिस्टर टू में गलत नाम दर्ज होने, खेत की मापी गलत होने सहित अन्य समस्याएं अधिकारियों के समक्ष उठा रहे हैं. अधिकारी उन्हें रास्ता दिखाने की कोशिश करते हैं.

मिलेगा लैंड एक्स-रे कार्ड

जिले में कुल 1234 गांव में जमीन सर्वे किया जाना है. जमीन मालिक को राशन कार्ड की तरह का एक कार्ड मिलेगा. इसमें नक्शा सहित जमीन का पूरा विवरण होगा. इस कार्य को जुलाई 2025 तक पूरा कर लेना है. आम लोगों से जमीन का प्रपत्र प्राप्त होने के बाद जमीन की मापी प्रारंभ होगी. पूरा सर्वे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित है. घर से बाहर रहने पर भी ऑनलाइन जमीन के कागजात अपलोड किया जा सकता है. ऑनलाइन अपील, ऑनलाइन खतियान के अलावा ऑनलाइन नक्शा भी लोग देख सकते हैं. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से कागजात जमा कर सकते हैं. प्रभारी जिला बंदोबस्त पदाधिकारी कमलेश प्रसाद ने बताया कि सर्वे की पूरी प्रक्रिया सर्वे एक्ट की नियमावली के मुताबिक होगी. आवेदक को अपने सभी कागजात सहित वंशावली का स्व अभिप्रमाणित प्रमाण पत्र देना होगा. यह पंचायती राज विभाग द्वारा तय किया गया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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