सुबोध नारायण पाठक, बेनीपुर. अनुमंडल के अलीनरग प्रखंड के अंटौर अग्निकांड में अनाथ हुए मासूम भाई-बहन की आंखें अपनी मां व पिता को तलाश रही हैं. दिवंगत सुनील व लीला की एक साल की बेटी स्वाती को संभालना उतना कठिन नहीं हो रहा, पर ढाई साल के सुशांत को समझाना मुश्किल हो रहा है. शुक्रवार को पूरी रात दोनों मासूम अपनी मां व पिता को तलाशते रहे. रोते-बिलखते पूरी रात गुजार दी. दोनों बच्चों के करुण क्रंदन एवं मम्मी-पापा की तलाश से परिवार के अन्य सदस्यों का कलेजा फट रहा है. बच्चों के साथ आंसू भरी रात गुजारी. विदित हो की गुरुवार की रात एक शादी समारोह के दौरान पटाखे की चिंगारी से रामचंद्र पासवान के घर में आग लगने से उनके परिवार के छह सदस्यों की मौत हो गया, जिसमें ढाई वर्ष के सुशांत एवं एक वर्ष की स्वाती के सिर से माता-पिता का साया सदा के लिए छिन गया. इस भीषण घटना के बाद से दोनों बच्चों को घर से लगभग डेढ़ किलो मीटर दूर चचेरे दादा ललित पासवान के घर भेज दिया गया है. उसकी चचेरी दादी रानी देवी भी घटना के बाद से दोनों बच्चों के साथ खुद को संभालने की कोशिश कर रही है. शनिवार को बिलखते हुए रानी ने बताया कि रात भर सुशांत मम्मी-पापा को तलाश करता रहा. रोते-रोते पूरी रात बिता दी. वहीं एक वर्ष की स्वाती की आंखें घर आने वाली हर महिला में अपनी मम्मी को तलाश कर रही है. मां व पिता के लिए इन दोनों बच्चों की तड़प ने परिवार के अन्य सदस्यों की भी चयन छीन ली है. अंटौर की इस विभत्स घटना में अनाथ इन बच्चों को देख कर हर आंखें नम हो रही हैं.
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