संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ को लेकर पूर्व तैयारी में जुटा जिला प्रशासन

संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारी को लेकर समाहरणालय परिसर स्थित एनआइसी से संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ डीएम राजीव रोशन ने ने समीक्षा बैठक की.

By Prabhat Khabar News Desk | June 19, 2024 11:15 PM

दरभंगा.संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ की पूर्व तैयारी को लेकर समाहरणालय परिसर स्थित एनआइसी से संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ डीएम राजीव रोशन ने ने समीक्षा बैठक की. कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में बाढ़ से बचाव के लिए लगातार निरीक्षण करना सुनिश्चित करें. कहा कि बाढ़ और सुखाड़ से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाया जाए. किसी भी जिलावासी को बाढ़, सुखाड़ से परेशानी नहीं हो. कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तैयारी की गई है. जिले में 192 सरकारी एवं 231 निजी नाव कार्यरत है. इनफ्लैटेबल मोटर बोट की संख्या दो, महाजाल दो, लाइफ जैकेट 90, प्रशिक्षित गोताखोरों की संख्या 305, खोज बचाव राहत दल की संख्या 136, मोटर बोट चालकों की संख्या 11 है. जिले में 35281 पॉलिथीन शीट्स उपलब्ध है. आवश्यकता पड़ने पर पॉलिथीन क्रय की जाएगी. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की प्रतिनियुक्त की जाएगी. इनके ठहरने की व्यवस्था एमएल एकेडमी में होगा. अनुग्रह अनुदान भुगतान के लिये 18 जून तक 131881 अपडेट बेनिफिशियरी, 04 नये इंट्री एवं 107469 आधार अपडेट किया जा चुका है. शेष का अद्यतीकरण किया जा रहा है. वैकल्पिक आकस्मिक फसल योजना की तैयारी कर ली गई है. आकस्मिक फसल योजना के तहत कुल 17 फसल चिन्हित किया गया है. डीएम ने बताया कि 38 प्रकार की पशु दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. 18 प्रखंडों के 27 पशु चिकित्सालय्यों को चिकित्सा कैंप लगाने के लिये पदाधिकारीयों एवं कर्मचारियों को चिन्हित करते हुए टैग कर लिया गया है. 23 प्रकार की जीवन रक्षक दवा, हेलोजन टैबलेट, ओआरएस, एआरभी, एबीएस सहित ब्लीचिंग पाउडर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. जल जनित महामारी से बचाव के लिये 18 चलंत चिकित्सा दल का गठन कर लिया गया है. डीएम ने कार्यपालक अभियंता भवन को बाढ़ आश्रय स्थलों का निर्माण यथाशीघ्र पूर्ण कराने को कहा. आपदा प्रभारी ने बताया कि चयनित प्रखंडों में आठ स्थलों पर बाढ़ राहत शिविर स्थल का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. संबंधित पदाधिकारी द्वारा जिलाधिकारी को नाव संचालन, पॉलीथिन शीट, राहत सामग्री की उपलब्धता, दवा, पशुचारा, बाढ़ आश्रय स्थल, सामुदायिक रसोई, ड्राइ राशन पैकेटस, फूड पैकेटस, जिला आपातकालीन संचालन केंद्र आदि के संबंध में फीडबैक दिया गया.

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