बढ़ती जनसंख्या का प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव

लनामिवि के पीजी अर्थशास्त्र विभाग में विश्व जनसंख्या दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम प्राध्यापक विकास कुमार की अध्यक्षता में हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | July 11, 2024 10:55 PM

दरभंगा. लनामिवि के पीजी अर्थशास्त्र विभाग में विश्व जनसंख्या दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम प्राध्यापक विकास कुमार की अध्यक्षता में हुआ. डॉ शीला यादव ने विषय प्रवेश कराते हुए माल्थस के जनसंख्या सिद्धांत के बारे में जानकारी दी. कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या और खाद्य आपूर्ति के बीच संतुलन बहुत जरूरी है. भविष्य में बढ़ती जनसंख्या का प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. डॉ यादवेंद्र सिंह ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि मुख्यतया जन्म दर, मृत्यु दर और प्रजनन पर निर्भर करती है. आज विश्व में सबसे ज्यादा कार्यशील जनसंख्या वाला देश भारत है. भारत में कार्यशील लोगों की संख्या 60 प्रतिशत से अधिक है. विभागाध्यक्ष डॉ अम्बरीष कुमार झा ने कहा कि जनसंख्या वृद्धि विकासशील देशों की लिए चुनौती है. इसे मानव संसाधन में बदलने की आवश्यकता है. जनसंख्या पर्यावरण के लिए भी खतरा है. संकायाध्यक्ष प्रो. चंद्रभानु सिंह ने कहा कि युवा में जागरूकता लाकर जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सकता है. डॉ मसरूर आलम, नवीन कुमार, प्रो. विजय कुमार यादव और डॉ प्रनतारति भंजन ने भी विचार रखा. छात्र-छात्राओं के बीच डिबेट तथा लेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पाने वाले छात्रों को पुरस्कृत किया गया. कार्यक्रम में गोविंद कुमार, रितेश कुमार, कृष्णा, संजीव, शिवम और सौरभ आनंद आदि उपस्थित थे.

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