बेनीपुर.बहेड़ा महाविद्यालय बहेड़ा में व्याप्त कुव्यवस्था को लेकर शिक्षक व कर्मियों का आक्रोश अब आंदोलन का रूप लेने लगा है. कॉलेज के हिंदी विभाग के प्राध्यापक डॉ अरविंद कुमार झा ने विभिन्न मांगों को लेकर एक दिवसीय भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है. इस आशय की सूचना उन्होंने एसडीओ को दी है. कहा है कि गत फरवरी माह से महाविद्यालय में अराजकता की स्थिति बनी हुई है. इससे महाविद्यालय का शैक्षणिक व प्रशासनिक कार्य बाधित हो रहा है. वहीं महाविद्यालय के आंतरिक कोष से कर्मियों को मिलने वाले भुगतान लंबित है. महाविद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ शशिकांत पाठक विगत 31 जनवरी 24 को अवकाश ग्रहण किये. सेवानिवृत्ति के बाद से अभी तक उन्होंने किसी वरीय शिक्षक को विधिवत प्रभार नहीं दिया हैं. साथ ही महाविद्यालय की सभी संचिका व पासवर्ड अपने पास रखे हैं. इससे शिक्षक एवं कर्मियों को महाविद्यालय के आंतरिक कोष से दी जाने वाली मासिक भुगतान पर भी रोक लग गया है. मासिक भुगतान नहीं होने के कारण कर्मियों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इसे लेकर 30 अप्रैल को कुलपति को आवेदन दिया था, लेकिन उनके द्वारा अभी तक इस दिशा में कोई सकारात्मक पहल नहीं की गयी है. इसे देखते हुए आंदोलन का मार्ग अपनाना पड़ रहा है. आगामी छह मई को एक दिवसीय अनशन करने को बाध्य होना पड़ा है. उन्होंने कहा है कि इसके बाद भी इसमें सुधार नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जायेगा. विदित हो कि अवकाश ग्रहण के दिन पूर्व प्रधानाचार्य डॉ शशिकांत पाठक व पूर्व सचिव सुरेंद्र झा ने शासी निकाय के निर्णय के विरुद्ध महाविद्यालय के एक कनीय शिक्षक को दैनिक इंचार्ज बनाकर चले गए. सचिव व प्रधानाचार्य द्वारा कनीय शिक्षक को प्रभार दिए जाने तथा वरीय शिक्षक को नजरअंदाज किए जाने को लेकर आक्रोशित वरीय शिक्षक ने इसकी शिकायत शासी निकाय से की. शासी निकाय ने तत्काल बैठक कर महाविद्यालय के वरीय शिक्षक उमेश चन्द्र झा को दैनिक प्रभारी बना दिया. इधर पूर्व प्रधानाचार्य पाठक अवकाश ग्रहण के तीन माह से अधिक बीत जाने के बावजूद अभी तक सभी प्रभार अपने पास ही रखे हैं. इससे महाविद्यालय के विकास व शैक्षणिक कार्य से लेकर शिक्षक-कर्मियों का भुगतानआदि बाधित है. इधर विश्वविद्यालय के द्वारा महाविद्यालय शासी निकाय की सेवा अवधि समाप्त हो जाने के बाद इसके गठन की अधिसूचना जारी करते हुए जनप्रतिनिधि सदस्य के रूप में कांग्रेस नेता डॉ मदन मोहन झा, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के रूप में डॉ रहमतुल्ला व पदेन एसडीओ को नामित कर दिया गया. उसे भी महीनों बीत जाने के बावजूद अभी तक निकाय का विधिवत गठन नहीं होने से महाविद्यालय अस्तित्व विहिन प्रधानाचार्य व बगैर सचिव के ही संचालित हो रहा है.
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