बाइपास रेल लाइन निर्माण ने पकड़ी रफ्तार, चालू वित्तीय वर्ष में परिचालन बहाल होने के आसार
दरभंगा में निर्माणाधीन बाइपास रेल लाइन के निर्माण की गति तेज हो गयी है. मिट्टीकरण का काम लगभग पूरा कर लिया गया है.
दरभंगा. दरभंगा में निर्माणाधीन बाइपास रेल लाइन के निर्माण की गति तेज हो गयी है. मिट्टीकरण का काम लगभग पूरा कर लिया गया है.अधिकांश पुल-पुलिए भी बन चुके हैं. यहां तक कि बाइपास रेल लाइन पर दरभंगा का विशेष रेलवे स्टेशन भी तैयार हो गया है. निर्माण कार्य की रफ्तार को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि चालू वित्तीय वर्ष में इस खंड पर परिचालन प्रारंभ हो जायेगा. यह बाइपास लाइन कई मायने में महत्वपूर्ण है. इसके तैयार हो जाने से नॉर्थ-इस्ट से देश की राजधानी की यह मेन लाइन हो जायेगी. देश के पूर्वोत्तर का सीधा और निकट का संपर्क पश्चिमी हिस्से तक हो जायेगा. लिहाजा इसकी अहमियत काफी अधिक है. इससे जिलावासियों के अलावा आसपास के इलाका के लोगों को भी सुविधा मिलेगी. बता दें कि बाइपास रेल लाइन का निर्माण दरभंगा-जयनगर रेल खंड अवस्थित काकरघाटी स्टेशन से दरभंगा-सीतामढ़ी रेल खंड स्थित शीशो हॉल्ट को जोड़ते हुए हो रहा है. इसका निर्माण दोहरीकरण के साथ होना है. फिलहाल इसपर रेल पटरी बिछाने का काम आरंभ होना बाकी है. इस महत्वपूर्ण रेल लाइन के निर्माण की स्वीकृति वर्ष 2018-19 के रेल बजट में प्रदान की गयी थी. 7.64 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के निर्माण पर उस समय 12 करोड़ 50 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान था. तत्काल 10 लाख रुपये का प्रावधान भी किया गया था. इसके अगले वर्ष 19 लाख रुपये दिये गये. वर्ष 2020-21 के बजट में यह परियोजना बढ़कर 130.50 करोड़ की हो चुकी थी, जिसमें 121 करोड़ की मोटी रकम प्रदान की गयी. वर्ष 2022-23 में फिर से 58.5 करोड़ का प्रावधान किया गया. रेल बजट 2023-24 में बाइपास लाइन के लिए 75 करोड़ रुपये दिये गये. चुनाव से पूर्व पेश अंतरिम बजट के बाद पुन: प्रस्तुत होने वाले आम बजट में इसे फाइनल टच दिये जाने का अनुमान है. दरभंगा-सीतामढ़ी रेलखंड के शीशो हॉल्ट से दरभंगा-जयनगर खंड के काकरघाटी स्टेशन के बाइपास रेल लाइन से जुड़ जाने के बाद सीतामढ़ी एवं जयनगर रेल खंड आपस में जुड़ जायेंगे. इन दोनों रेल खंड की गाड़ियों को एक-दूसरे स्थान पर आवागमन के लिए दरभंगा जंक्शन आना नहीं होगा. फिलहाल दरभंगा जंक्शन पर आने के बाद इंजन बदलकर ही कोई गाड़ी जयनगर से सीतामढ़ी अथवा सीतामढ़ी से जयनगर जा सकती है. ऐसे में समय के साथ संसाधन की भी बचत होगी, जिसका प्रत्यक्ष एवं परोक्ष लाभ आमजन को ही मिलेगा. पूर्वोत्तर की मेन लाइन बन जाने के बाद ट्रेनों की संख्या में भी जबर्दस्त इजाफा होने की संभावना है. पूर्वोत्तर के राज्य असम आदि क्षेत्र से चलने वाली गाड़ी सुपौल जिला होते हुए निर्मली, झंझारपुर, सकरी के रास्ते काकरघाटी से इस बाइपास लाइन के सहारे मौजूदा सीतामढ़ी रेल खंड पर चली जायेगी, जो नरकटियागंज होते हुए गोरखपुर के रास्ते सीधे देश की राजधानी तथा उस इलाके के अन्य क्षेत्र सीधे पहुंच जायेगी. स्वाभाविक रूप से ट्रेन की संख्या में वृद्धि होगी, जिसका लाभ इस क्षेत्र के यात्रियों को भी मिलेगा. दरभंगा यार्ड को छोड़ते हुए काकरघाटी से शीशो हॉल्ट को जोड़ने वाली बाइपास लाइन पर बना दरभंगा स्टेशन आवागमन की दृष्टि से काफी खास साबित होने वाला है. बता दें कि इसका भवन निर्माण हो गया है. अन्य तकनीकी कार्य शेष हैं. दिल्ली मोड़ के समीप वासुदेवपुर में स्टेशन भवन तैयार है. उल्लेखनीय है कि दिल्ली मोड़ में जहां बस अड्डा है, बगल से फोरलेन गुजरती है, वहीं ठीक बस स्टैंड के बगल में हवाई अड्डा भी है. इस नजरिए से इस स्टेशन की अहमियत आवागमन के दृष्टि से काफी खास साबित होने वाला है.
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