Darbhanga News: प्रदेश के बीएड कॉलेजों में रिकार्ड 99.91 प्रतिशत सीटों पर नामांकन

Darbhanga News:प्रदेश के 14 विश्वविद्यालयों के 341 कॉलेजों एवं संस्थानों में बीएड एवं शिक्षाशास्त्री के दो वर्षीय पाठ्यक्रम (सत्र 2024-26) में नामांकन 29 अक्तूबर को समाप्त हो गया.

By Prabhat Khabar News Desk | October 30, 2024 10:48 PM
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Darbhanga News: दरभंगा. प्रदेश के 14 विश्वविद्यालयों के 341 कॉलेजों एवं संस्थानों में बीएड एवं शिक्षाशास्त्री के दो वर्षीय पाठ्यक्रम (सत्र 2024-26) में नामांकन 29 अक्तूबर को समाप्त हो गया. इन सभी कॉलेजों में निर्धारित कुल 37300 सीटों के विरुद्ध 37265 यानी 99.91 प्रतिशत नामांकन हुआ है. तकनीकी कारणों से पूर्ण डाटा सीइटी कार्यालय को अभी तक प्राप्त नहीं हो सका है. पूर्ण डाटा प्राप्त होने पर नामांकन के प्रतिशत में बढ़ोतरी की संभावना जतायी जा रही है. स्टेट नोडल यूनिवर्सिटी (लनामिवि) ने अब तक के सबसे अधिक नामांकन के खुद के 2022 के रिकॉर्ड को ब्रेक किया है. वर्ष 2022 में सबसे ज्यादा 99.41 प्रतिशत नामांकन हुआ था.

तीन विश्वविद्यालयों के कॉलेजों में खाली रह गया 35 सीट

प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल 37300 में से 35 सीट खाली रह गया है. जिन विश्वविद्यालयों से जुड़े कॉलेजों में सीट रिक्त रह गया है, उसमें पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय पटना, मगध विश्वविद्यालय बोधगया एवं बीआर अंबेडकर विवि मुजफ्फरपुर शामिल है.

11 विश्वविद्यालयों में शतप्रतिशत नामांकन

प्रदेश के 11 विवि के सभी बीएड कॉलेजों में शतप्रतिशत सीटों पर नामांकन हो चुका है. ये हैं पटना विश्वविद्यालय, बीएनएमयू मधेपुरा, एलएनएमयू दरभंगा, केएसडीएसयू दरभंगा, एमएमएच विवि पटना, मुंगेर विवि, पूर्णिया विवि, टीएमबी विवि भागलपुर, वीकेएसयू आरा, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना, जेपी विश्वविद्यालय छपरा.

बिना स्पॉट राउंड के बनाया रिकार्ड

बता दें कि रिकार्ड नामांकन की उपलब्धि बिना स्पॉट राउंड के हासिल की गयी है. बताया जाता है कि बिना स्पाट राउंड के शतप्रतिशत सीटों पर नामांकन को लेकर कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी कृतसंकल्पित थे. स्टेट नोडल आफिसर प्रो. अशोक कुमार मेहता व उनकी टीम के डॉ अरविंद कुमार मिलन, डॉ रुहुल्ला बेग, कृष्ण मुरारी आदि ने कुलपति के संकल्प को पूरा करने में पूरी मेहनत की. स्पाट राउंड चालू नहीं करने एवं कई निजी कॉलेजों द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक राशि को लेकर अभ्यर्थियों को परेशान करने जैसी कई बाधाओं के बावजूद यह उपलब्धि हासिल कर लनामिवि ने प्रदेश स्तर पर अपनी छवि चमकाई है.

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