Darbhanga news: बेल न्योति कल, बेल तोड़ी के साथ 10 अक्तूबर को भक्तों के दर्शनार्थ खुलेगा भगवती का पट
Darbhanga news:शारदीय नवरात्र काे लेकर श्रद्धालुओं की आस्था छलक रही है. नौ दिवसीय इस महा अनुष्ठान के पांचवें दिन सोमवार को भगवती के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा देवी मंदिरों, पूजा पंडालों के साथ घरों में विधानपूर्वक की गयी.
Darbhanga news: दरभंगा. शारदीय नवरात्र काे लेकर श्रद्धालुओं की आस्था छलक रही है. नौ दिवसीय इस महा अनुष्ठान के पांचवें दिन सोमवार को भगवती के पांचवें स्वरूप स्कंदमाता की पूजा देवी मंदिरों, पूजा पंडालों के साथ घरों में विधानपूर्वक की गयी. शहर के श्यामा मंदिर, म्लेच्छ मर्दिनी मंदिर, कंकाली मंदिर, सैदनगर काली मंदिर सहित तमाम भगवती मंदिरों के साथ कटहलवाड़ी, लक्ष्मीसागर, कादिराबाद, आजमनगर, सुंदरपुर बेला, धर्मपुर, दोनार, बेता, मिर्जापुर, राजकुमार गंज, दरभंगा जंक्शन, केएम टैंक, उर्दू नीम चौक सहित 35 स्थानों पर पूरे दिन भक्तों का पूजन के लिए आगमन होता रहा. इधर, माता का पट खुलने को लेकर श्रद्धालुओं की अकुलाहट बढ़ती जा रही है. बता दें कि इस बार नौ दिन पूजन व दसवें दिन विजया दशमी तो है, लेकिन बेल न्योति बुधवार को होगा. उसके अगले दिन गुरुवार को बेल तोड़ी के पश्चात माता का पट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिया जायेगा. इसी दिन रात में निशा पूजा की जायेगी, लेकिन महाष्टमी का व्रत अगले दिन यानी 11 अक्तूबर को होगा. महानवमी व्रत करनेवाले भी उसी दिन उपवास करेंगे. ऐसा तिथियों को लेकर हो रहा है. पंचांगकार पंडित विश्वनाथ शास्त्री बताते हैं कि मंगलवार को पंचमी व षष्ठी तिथि संयुक्त है, जिसमें बेल न्योति शास्त्र सम्मत नहीं है. अगले दिन षष्ठी व सप्तमी संयुक्त है, इसीलिए बेलन्योति नौ अक्तूबर को होगा. अगले दिन सप्तमी तिथि में 10 अक्तूबर को पत्रिका प्रवेश के साथ माता का पट खुल जायेगा. ऐसे में लोग 10 से 12 अक्तूबर तक तीन दिन मेला का आनंद ले सकेंगे. कमतौल.अहल्यास्थान दुर्गा मंदिर के आचार्य प्रह्लाद ठाकुर ने बताया कि बुधवार को माता के छठे स्वरूप कात्यायिनी की पूजा की जायेगी. गुरुवार की दोपहर के बाद गाजे-बाजे के साथ बेल पूजन किया जाएगा. शुक्रवार की अहले सुबह बेलतोड़ी के पश्चात पूजा-अर्चना संग नेत्र प्रदान कर श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन एवं खोईंछा भरने के लिए मातारानी का पट खोल दिया जायेगा. शनिवार को अपराजिता पूजा और विसर्जन के बाद देर शाम प्रतिमाओं को जल प्रवाहित किया जायेगा.
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