कमला-बलान नदी की उपधारा का जलस्तर बढ़ा, ग्रामीणों के प्रयास से भी नहीं बचा पुल का संपर्क पथ, मुख्यालय से संपर्क भंग
कमला-बलान नदी की उपधारा में जलस्तर बढ़ने के कारण केवटगामा-पछियारही पुल ग्रामीणों के काफी प्रयास के बाद भी बच नहीं सका. लोगों ने पुल को बचाने के लिए आज काफी प्रयास किया पर देर शाम पुल का संपर्क पथ टूट गया. स्थानीय विधायक शशिभूषण हजारी ने बताया कि विभागीय इंजीनियर से बात किया हूं. तत्काल यातायात बहाल करने को लेकर काम किया जाएगा. साथ ही जल्द ही नये पुल के निर्माण के लिए अनुशंसा की जायेगी. देर शाम सीओ त्रिवेणी प्रसाद पुल का निरीक्षण करने पहुंचे.
कमला-बलान नदी की उपधारा में जलस्तर बढ़ने के कारण केवटगामा-पछियारही पुल ग्रामीणों के काफी प्रयास के बाद भी बच नहीं सका. लोगों ने पुल को बचाने के लिए आज काफी प्रयास किया पर देर शाम पुल का संपर्क पथ टूट गया. स्थानीय विधायक शशिभूषण हजारी ने बताया कि विभागीय इंजीनियर से बात किया हूं. तत्काल यातायात बहाल करने को लेकर काम किया जाएगा. साथ ही जल्द ही नये पुल के निर्माण के लिए अनुशंसा की जायेगी. देर शाम सीओ त्रिवेणी प्रसाद पुल का निरीक्षण करने पहुंचे.
बता दें कि जलस्तर बढ़ने के कारण पुल के नीचे जलकुंभी का अंबार लग था. जलकुंभी के कारण नदी की धारा रुक सी गयी थी. इससे पुल पर पानी का दबाब बन था है. लोगों ने इसे देखते हुए जलकुंभी को निकालने का निर्णय लिया. काम प्रारंभ किया गया पर देर शाम पहुंच पथ क्षतिग्रस्त हो गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि अब पुल पर यातायात बंद हो गया है.
सड़क सम्पर्क भंग हो जाने के कारण यातायात अवरुद्ध हो गया है. इस पुल के क्षतिग्रस्त होने से प्रखंड मुख्यालय से पूर्वी पंचायतों का संपर्क भंग हो गया है. इस पुल से कई पंचायतों के लोग आवागमन करते हैं. घंटों मशक्कत के बाद पुल के एक हिस्से से जलकुंभी हटाने में लोग तो कामयाब रहे पर पहुंच पथ को नहीं बचा सके.
बता दें कि बाढ़ व बारिश के समय इसी पुल से प्रखण्ड के 10 में आठ पंचायत की लगभग डेढ़ लाख आबादी आवागमन करती है. इस पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने से अब आठ पंचायतों के लोगों को केवटगामा से गुलरिया होते हुए मुख्यालय जाना-आना पड़ेगा. बारिश होने पर वह रास्ता भी बंद हो जाती है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan