Bihar Flood 2020: सात जगहों से टूटा बागमती नदी का तटबंध, गांवों में पानी घुसने से ग्रामीणों का बढ़ा संकट
दरभंगा: इस साल की बाढ़ ने बाढ़ पूर्व तैयारी की हकीकत सामने रख दी. केवटी प्रखंड के तीन पंचायत पिंडारूछ, माधोपट्टी और करजापट्टी पंचायत की सीमा में एक पखबाड़ा के भीतर सात जगह बागमती नदी का पूर्वी और पश्चिमी तटबंध टूटा. साथ ही दर्जन भर से ज्यादा स्थानों पर रिसाव हुआ. जहां के ग्रामीण सजग और सतर्क थे, वहां बाढ़ कम कहर बरपा सकी. वहीं जहां के ग्रामीण सतर्क और सजग नहीं थे. वहां बाढ़ आज भी कहर बरपा रहा है. भाजपा केवटी पश्चिमी मंडल अध्यक्ष दिलीप भारती, ललित यादव, मनोज यादव, मनोज महतो, जफीरुल, सियाराम, लालबाबू आदि लोगों ने बताया कि सावन का महीना समाप्त होने वाला है, भादो का महीना अभी बांकी है. इस एक महीने में और क्या-क्या होगा? भगवान ही जाने.
दरभंगा: इस साल की बाढ़ ने बाढ़ पूर्व तैयारी की हकीकत सामने रख दी. केवटी प्रखंड के तीन पंचायत पिंडारूछ, माधोपट्टी और करजापट्टी पंचायत की सीमा में एक पखबाड़ा के भीतर सात जगह बागमती नदी का पूर्वी और पश्चिमी तटबंध टूटा. साथ ही दर्जन भर से ज्यादा स्थानों पर रिसाव हुआ. जहां के ग्रामीण सजग और सतर्क थे, वहां बाढ़ कम कहर बरपा सकी. वहीं जहां के ग्रामीण सतर्क और सजग नहीं थे. वहां बाढ़ आज भी कहर बरपा रहा है. भाजपा केवटी पश्चिमी मंडल अध्यक्ष दिलीप भारती, ललित यादव, मनोज यादव, मनोज महतो, जफीरुल, सियाराम, लालबाबू आदि लोगों ने बताया कि सावन का महीना समाप्त होने वाला है, भादो का महीना अभी बांकी है. इस एक महीने में और क्या-क्या होगा? भगवान ही जाने.
बागमती नदी का पूर्वी और पश्चिमी तटबंध टूटा
जानकारों की मानें तो पिंडारूछ पंचायत के गोपालपुर में पहली बार 17 जुलाई को बागमती नदी का पश्चिमी जमींदारी तटबंध रेल लाइन के समीप टूटा था. इसके बाद बागमती नदी का पूर्वी और पश्चिमी तटबंध टूटने का सिलसिला शुरू हुआ, जो एक अगस्त को बिरने गांव में दुबारा टूटने तक जारी है.
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ग्रामीणों की सजगता और प्रशासन के सहयोग ने तटबंध को पहले भी बचाया
बताया जाता है कि बागमती नदी का पश्चिमी तटबंध दूसरी बार 19 जुलाई को गोपालपुर में, तीसरी बार 24 जुलाई को माधोपट्टी और 31 जुलाई को करजापट्टी में टूट गया. माधोपट्टी व करजापट्टी में ग्रामीणों की सजगता और प्रशासन के सहयोग से तटबंध से निकल रहे पानी को रोककर तटबंध को और टूटने से बचा लिया गया.
तटबंध टूटने के बाद प्रशासन हरकत में
वहीं गोपालपुर में दोनों बार तटबंध को टूटने से बचाया नहीं जा सका. हालांकि गोपालपुर में पहली बार तटबंध टूटने के बाद प्रशासन हरकत में आया. पानी का बहाव रोकने का प्रयास शुरू हुआ, लेकिन कतिपय कारणों से पहले दिन इसमें सफलता नहीं मिली. दूसरे दिन कुछ हद तक सफलता मिली, लेकिन दो दिन बाद दूसरी जगह टूटने के बाद ग्रामीण और प्रशासन दोनों निश्चिन्त हो गए. गोपालपुर में टूटे तटबंध से पानी निकल ही रहा है. जिससे एक पखबाड़ा बाद भी कई लोगों के घरों में पानी है. वहीं अन्य लोगों की परेशानी बरकरार है.
एक अगस्त को बिरने में दुबारा तटबंध टूटा
इधर, 24 जुलाई को बागमती नदी का पुरबारी तटबंध लाधा और बिरने में टूट गया था. ग्रामीणों ने मशक्क़त कर बिरने में टूटे तटबंध से निकल रहे पानी को रोक दिया था. लाधा में टूटे तटबंध को बचाने का कोई प्रयास ही नहीं हुआ. जिससे आज भी पानी निकल ही रहा है. वहीं 24 जुलाई को मुहम्मदपुर में बागमती नदी का पुरबारी तटबंध श्मसान घाट के पास टूटने के कगार पर पहुंच गया था. लेकिन सजग ग्रामीणों ने इसे बचा लिया. लिहाजा मुहम्मदपुर बाजार बाढ़ के पानी से डूबने से बच गया. एक अगस्त को बिरने में दुबारा तटबंध टूट गया था. सजग ग्रामीणों ने दूसरी बार तटबंध से निकल रहे पानी को फैलने से रोक दिया. लेकिन जिन गांवों में पानी फैल गया, वहां परेशानी भी आरंभ हो गयी है.
(इनपुट : कमतौल से शिवेंद्र कुमार शर्मा)
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya