Bihar Flood: कोसी का जलस्तर बढ़ा, दरभंगा के इस इलाके में अब तीन माह चलेगी केवल नाव
Bihar Flood: दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के इटहर, उसरी, उजुआ-सिमरटोका व तिलकेश्वर पंचायत के कई गांव के लोगों के यातायात का साधन जून माह आते ही नाव बन जाती है. कोसी में पानी बढ़ने के साथ ही इनका यातायात का साधन बदल जाता है.
Bihar Flood: संतोष पोद्दार, दरभंगा. कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड के इटहर, उसरी, उजुआ-सिमरटोका व तिलकेश्वर पंचायत के कई गांव के लोगों के यातायात का साधन जून माह आते ही नाव बन जाती है. बाढ़ के पानी के आते ही इन गांवों के लोगों को दैनिक कार्य के लिए नाव ही सहारा बनती है. कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि होते ही इसकी तेज धार ने इटहर पंचायत के चौकिया घाट पर बने चचरी पुल को बहा दिया. इसके साथ ही चौकिया, विशुनिया, लक्ष्मिनिया, बलथरवा तथा गोबराही के लगभग 10 हजार लोगों का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट गया है. अब यहां के लोगों के यातायात का एकमात्र नाव ही सहारा रह गया है.
300 रुपये तक वसूला जाता है किराया
इटहर निवासी विमल पंडित, मदन राय, चौकिया के नीतीश कुमार, सरजीत राम, बलथरवा के गणेश यादव, गोबराही के वीरेंद्र यादव शिवशंकर यादव आदि ने बताया कि चचरी पुल के बह जाने से अब मुख्यालय आने-जाने के लिए नाव का इंतजार करना पड़ता है. इमरजेंसी आने पर गांवों के लोग भगवान भरोसे रहते हैं. निजी नाव संचालक को प्रखंड मुख्यालय तक जाने के लिए 20 से 30 रुपये भाड़ा देना पड़ता है. रात में किसी तरह की समस्या होने पर 200 से 300 रुपये एक नाव का भाड़ा देना पड़ता है. वह भी काफी परेशानी के बाद नाव मिलती है. अंचल प्रशासन की ओर से नाव की व्यवस्था कर दी जाती है, तो लोगों को मुख्यालय जाने में सुविधा होती. फिलहाल अधिकांश लोग दो किमी की दूरी चलकर जिमराहा घाट पहुंचते हैं. वहां, चचरी पुल से नदी को पार कर प्रखंड मुख्यालय जाते हैं.
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जिमराहा पुल के बहने की आशंका
कोसी नदी में जलस्तर में वृद्धि इसी प्रकार होती रही तो जिमराहा पुल भी बह जायेगा. लोगों ने बताया कि बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भी नाव से ही पार होकर जाना पड़ता है. सीओ गोपाल पासवान ने बताया कि चौकिया घाट पर अंचल की ओर से नाव उपलब्ध करा दिया गया है. नाव चालू है. लोगों को निःशुक्ल नदी पार किया जायेगा. नाव पर लाल झंडा लगा दिया गया है, ताकि सरकारी नाव की पहचान हो सके. दूसरा नाव तटबंध से गांव तक के लिये भी दे दिया गया है. कुंजभवन, बड़की कोनिया सहित जहां भी नदी से कटाव हो रहा है, वहां बोड़ा में बालू भरकर कटाव को रोका जा रहा है. बाढ़ की स्थिति पर पैनी नजर है. बाढ़ से उत्पन्न होने वाली समस्या से निबटने के लिए अंचल प्रशासन आवश्यक तैयारी पूरी कर ली है. लोगों की सहायता के लिए अंचल प्रशासन तैयार है. जहां भी नाव की आवश्यकता होगी, वहां दी जायेगी.