शिक्षक नियोजन में बरती गई अनियमितता को लेकर सुर्खियों में रहे बेनीपुर प्रखंड की चार पंचायत के लगभग एक सौ नियोजित पंचायत शिक्षकों नियोजन पर तलवार लटक रही है. इन शिक्षकों से संबंधित नियोजन इकाई द्वारा फोल्डर निगरानी जांच के लिए जमा नहीं किए जाने से इन शिक्षकों का नियोजन अधर में लटकता दिख रहा है.
विदित हो कि वर्ष 2003 से 2015 तक पंचायत स्तर पर किए गए शिक्षक नियोजन में बरती गई अनियमितता की जांच विगत पांच साल से निगरानी द्वारा की जा रही है. निगरानी द्वारा प्रखंड में नियोजित पंचायत शिक्षकों की नियुक्ति से संबंधित फोल्डर विभाग से मांगी गयी थी. विभाग के निर्देश के आलोक में बीइओ कार्यालय से पंचायत नियोजन इकाई को 18 मई 2015 तक नियोजित सभी 627 पंचायत शिक्षकों के फोल्डर की मांग की गई. इसमें 536 नियोजित शिक्षकों के फोल्डर जमा किये गये.
91 शिक्षकों का फोल्डर नियोजन इकाई द्वारा विभाग को उपलब्ध नहीं कराया गया. इसमें महिनाम पंचायत के 39, देवराम अमेठी पंचायत के 17, तरौनी पंचायत के 40 तथा मकरमपुर पंचायत के एक शिक्षक का फोल्डर प्रखंड कार्यालय में जमा नहीं किया गया.
91 शिक्षकों के नियोजन से संबंधित फोल्डर जमा नहीं करने पर बीइओ ने वर्ष 2016 में महिनाम पंचायत के पंचायत सचिव दुलारे चौधरी, देवराम अमैठी एवं तरौनी पंचायत के सचिव पवन पासवान तथा मकरमपुर पंचायत के पंचायत सचिव राजेंद्र साहु पर बहेड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई. प्राथमिकी दर्ज होने के चार साल में इस मामले में पंचायत सचिव राजेंद्र साह की गिरफ्तारी हुई. शेष पंचायत सचिव आज भी किसी न किसी पंचायत के सचिव के पद पर कार्यरत हैं.
वहीं ऐसे 91 शिक्षक भी अपने-अपने विद्यालय में कार्यरत हैं. नियोजन इकाई द्वारा शिक्षकों के नियोजन से संबंधित फोल्डर जमा नहीं किए जाने से एक बार फिर प्रखंड एवं पंचायत शिक्षक नियोजन वर्ष 2010 में बरती गई अनयमितता की याद लोगों को ताजा कर दी है.
कारण तत्कालीन बीइओ शिवकुमार शर्मा के समय में जिला शिक्षक नियोजन प्राधिकार की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर प्रखंड एवं पंचायत में फर्जी शिक्षकों की बहाली की बात जुबान पर तैर रही है. लोगों का कहना है कि 91 पंचायत शिक्षक की फोल्डर पर संबंधित शिक्षक नियोजन इकाई कुंडली मारे बैठा हुआ है. इससे नियोजन में बरती गई अनियमितता एवं फर्जीवाड़ा की आशंका को बल मिल रहा है.
Posted By: Thakur Shaktilochan