म्यूजियम रेल गुमटी पर लाइट ओवर ब्रिज निर्माण की सुगबुगाहट भी नहीं

शहर की सबसे बड़ी समस्या सड़क जाम की बड़ी वजह रेल फाटकों का बंद रहना है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 18, 2024 10:39 PM

दरभंगा. शहर की सबसे बड़ी समस्या सड़क जाम की बड़ी वजह रेल फाटकों का बंद रहना है. साल-दर-साल आबादी के साथ नित्य बढ़ रही वाहनों की संख्या के कारण यह समस्या विकराल होती जा रही है. इस वर्ष रेल फाटकों पर आरओबी निर्माण की कवायद धरातल पर शुरू होते ही लोगों में इस विकट समस्या से आने वाले समय में निजात मिलने की आस जगी. यूं तो सभी रेल फाटकों पर यह समस्या कमोबेश एक समान है, लेकिन सर्वाधिक असर लहेरियासराय का चट्टी गुमटी के अतिरिक्त दोनार रेल फाटक तथा म्यूजियम रेल गुमटी है. इन फाटकों पर पुल नहीं होने तथा इनके अधिकांश समय बंद रहने की वजह से बड़ी आबादी चिलचिलाती धूप में झुलसते रहते हैं. ऐसी परिस्थिति में जब म्यूजियम रेल फाटक पर लाइट ओवर ब्रिज निर्माण की कवायद प्रारंभ हुई तो लक्ष्मीसागर सहित उस इलाके की बड़ी आबादी में शीघ्र इस समस्या से छुटकारा मिल जाने की आस जगी, लेकिन शिलान्यास के चार माह गुजर जाने के बाद भी यहां ब्रिज निर्माण की धरातल पर सुगबुगाहट भी नजर नहीं आ रही. इससे लोगों की आस टूटने लगी है. अब तो लोग इसे चुनावी हथकंडा भी कहने लगे हैं. सनद रहे कि इस वर्ष की शुरूआत में सांसद गोपालजी ठाकुर की पहल पर डीआरएम विनय कुमार श्रीवास्तव की मौजूदगी में म्यूजियम रेल फाटक संख्या 26 पर लाइट ओवर ब्रिज निर्माण का निर्णय लिया गया था. 16 फरवरी को सांसद ठाकुर ने एक छोटे से समारोह में इसकी आधारशिला भी रख दी थी. बता दें कि 8.98 करोड़ की लागत से इस पुल का निर्माण होना है. दरभंगा जंक्शन से सटे ठीक दक्षिण म्यूजियम के पास रेल फाटक संख्या 26 है. ट्रेनों की अधिक संख्या में आवाजाही होने के साथ ही जंक्शन पर आने वाली गाड़ियों के कारण यह फाटक अधिकांश समय बंद ही रहता है. नियमत: रेल फाटक बंद होने के बाद उसकी चाबी दरभंगा जंक्शन स्थित एएसएम कार्यालय से लॉक हो जाती है. वहां से लॉक खुलने के बाद ही इस फाटक को खोला जाता है. इस वजह से तीखी धूप का मौसम हो या फिर झमाझम बारिश का समय, लोग घंटों फाटक खुलने की इंतजार में खड़े रहते हैं. स्थिति तो इतनी विकट हो जाती है कि वीआइपी रोड तक जाम हो जाता है. इस रेल फाटक के पूरब लक्ष्मीसागर, धर्मपुर, गांधीनगर कटरहिया सहित कई मुहल्ले हैं, जिसमें बड़ी आबादी निवास करती है. इस रेल गुमटी से यूं तो सभी राहगीर परेशानी झेलते हैं, लेकिन सर्वाधिक समस्या स्कूली बच्चों को होती है. रोगियों को ससमय उपचार के लिए डाक्टर के पास पहुंचाने में भी यह बाधक बनता रहता है. इस वजह से बड़ी संख्या में स्थायी निवासियों ने इस रास्ते को ही छोड़ दिया है. सदर प्रखंड एवं अंचल के साथ थाना के पदाधिकारी एवं कर्मी तथा स्वास्थ्य कर्मी इसके शिकार होते रहते हैं. लक्ष्मीसागर साधुगाछी निवासी मुकेश कुमार राउत, बावन बीघा निवासी धनंजय झा, राजेश मंडल सहित कई लोगों ने शीघ्र इस पुल का निर्माण आरंभ कराने की मांग सांसद से की है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version