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पृथक मिथिला राज्य गठन एवं मैथिली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने के लिए चलेगा अभियान

भाषा, लिपि, क्षेत्र, जनसंख्या और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के मानक पर खड़ा उतरते हुए मिथिला पूर्ण राज्य बनने का अधिकार रखता है.

दरभंगा.

भाषा, लिपि, क्षेत्र, जनसंख्या और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के मानक पर खड़ा उतरते हुए मिथिला पूर्ण राज्य बनने का अधिकार रखता है. मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए अलग स्वतंत्र राज्य का गठन जरूरी है. मैथिली के सम्यक विकास के लिए इसे शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने के लिए सक्रिय अभियान चलाया जायेगा. इसी संकल्प के साथ विद्यापति सेवा संस्थान के तत्वावधान में 13 से 15 नवंबर तक कवि कोकिल विद्यापति के महानिर्वाण दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय मिथिला विभूति पर्व का 52वां समारोह संपन्न हुआ. शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान साहित्य, संस्कृति एवं राजनीतिक मंच से जुड़े प्रतिभागियों ने ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित किया कि आर्थिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक आजादी के लिए पृथक मिथिला राज्य गठन के साथ स्वतंत्र लिपि एवं साहित्य से संपन्न हजारों वर्ष पुरानी 10 करोड़ से अधिक लोगों की मातृभाषा मैथिली के सम्यक विकास के लिए इसे शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिलाने को सक्रिय अभियान चलाया जायेगा.

मैथिली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए का प्रस्ताव भेजने को सीएम से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल

डॉ बैजू ने कहा कि मैथिली को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने संबंधी प्रस्ताव बिहार सरकार द्वारा शीघ्रातिशीघ्र भेजे जाने की मांग को लेकर संस्थान का प्रतिनिधि मंडल शीघ्र सीएम नीतीश कुमार सहित कैबिनेट मंत्रियों से मिलेगा. जबकि पृथक मिथिला राज्य के गठन की मांग को लेकर अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के तत्वावधान में दिल्ली के जंतर-मंतर पर 25 नवंबर को धरना प्रदर्शन किया जायेगा.

राजकीय अवकाश घोषित नहीं करने पर नाराजगीमैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष कमलाकांत झा ने विद्यापति के अवसान दिवस को राजकीय समारोह के रूप में मनाए जाने की घोषणा के बावजूद उनके बिस्फी स्थित जन्म स्थली पर राजकीय समारोह नहीं होन और इस दिन राजकीय अवकाश की घोषणा नहीं किए जाने को लेकर नाराजगी जताई. जीवकांत मिश्र ने पृथक राज्य का गठन जरूरी बताया. विनोद कुमार झा एवं विजय कांत झा ने कहा कि मिथिला एवं मैथिली के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक राज्य आवश्यक है.

मिथिला राज्य गठन एवं मिथिलाक्षर के विकास को संघर्ष जरूरी

मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने तीन दिवसीय समारोह को सफल बनाने में भागीदारी देने वाले लोगों के प्रति आभार प्रकट किया. मिथिला राज्य गठन एवं मिथिलाक्षर के सर्वांगीण विकास के लिए संघर्ष जरूरी बताया. चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई, आशीष चौधरी, दुर्गानंद झा, मणिभूषण राजू, पुरुषोत्तम वत्स, हरिकिशोर चौधरी, डॉ गणेश कांत झा, डॉ उदय कांत मिश्र, संतोष कुमार झा आदि मौजूद थे.

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