बिहार: कैंसर पीड़िता मां को स्ट्रेचर पर लादकर वोट दिलवाने लाया बेटा, 4 दिनों से खाना त्यागा पर मतदान की जतायी इच्छा
बिहार के दरभंगा में मतदान केंद्र पर एक कैंसर पीड़िता भी पहुंचीं. उनके बेटे ने स्ट्रेचर पर लादकर बूथ पर पहुंचाया.
लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण का मतदान सोमवार को हो रहा है. बिहार की 5 संसदीय सीटों पर भी वोट डाले जा रहे हैं. मतदान के दिन अलग-अलग जगहों से ऐसी तस्वीरें सामने आती रही हैं जो लोकतंत्र के इस महापर्व के लिए बेहद सुखद संदेश देता है. कोई 100 वर्ष की उम्र में मतदान करने बूथ पर पहुंचते हैं तो कोई पहली बार वोट करके लोकतंत्र को मजबूत करते हैं. वहीं दरभंगा से एक ऐसी तस्वीर सामने आयी है जो खुद में एक बड़ा संदेश तो है ही बल्कि सबों को भावुक भी करती है. कैंसर पीड़िता एक महिला जिंदगी-मौत की जंग लड़ रही है. लेकिन उन्होंने मतदान करने की इच्छा जतायी तो उनके परिवार के लोग स्ट्रेचर पर लादकर बूथ पर ले गए और वोट डलवाया.
कैंसर पीड़िता ने मतदान की जतायी इच्छा
दरभंगा के विशनपुर थाना क्षेत्र के चौगमा गांव की रहने वाली सुभद्रा देवी कैंसर रोग की चपेट में हैं. उनकी तबीयत अब अधिक बिगड़ चुकी है. उन्होंने अब भोजन भी त्याग दिया है और केवल पानी पर ही जीवित हैं. लेकिन जब उन्हें लोकतंत्र के इस महापर्व की जानकारी मिली तो उन्होंने भी मतदान करने की इच्छा जतायी. उनके बेटे व परिवार के अन्य लोगों ने उनकी इच्छा पूरी करवायी और मतदान कराने लेकर गए.
स्ट्रेचर पर लादकर बूथ तक लेकर आया बेटा
सुभद्रा देवी को उनके पुत्र विजय कुमार मिश्रा स्ट्रेचर पर लादकर पोलिंग बूथ तक लेकर गए.विष्णुयर चौगमा मध्य विद्यालय के बूथ संख्या 116 पर सुभद्रा देवी को ले जाया गया और मतदान कराया गया. उनके पुत्र ने बताया कि मेरी मां अपने जीवन के अंतिम क्षण को जी रही हैं. इस दौरान उन्होंने नागरिक दायित्व को पूरा किया और मतदान किया है. बताया कि उनकी मां लंबे समय से बीमार चल रही हैं. उनकी तबीयत अब इस कदर बिगड़ चुकी है कि भोजन भी त्याग दिया है. पिछले चार दिनों से केवल कुछ बूंद जल के सहारे ही हैं. लेकिन उन्होंने वोट डालने की इच्छा जतायी तो उन्हें लेकर बूथ तक पहुंचे.
लोगों ने की तारीफ, भावुक भी हुए..
कैंसर पीड़िता सुभद्रा देवी को जब पोलिंग बूथ पर स्ट्रेचर पर लादकर उनके परिजन पहुंचे तो सभी लोग उनकी जुर्रत की तारीफ करते दिखे. बूथ पर अन्य वोटर ये जानकर आश्चर्यचकित थे कि अपनी जीवन की अंतिम क्षणों की जिसे आहट हो रही हो वो मतदान के महत्व को समझकर वोट डालने आयी हैं. वहीं बूथ पर तैनात कर्मियों ने बेहद सहूलियत से उन्हें मतदान कराया.