चरम पर पहुंचा पेयजल संकट, बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग
प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश पंचायतों में नल-जल योजना बेकाम है.
जाले. प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश पंचायतों में नल-जल योजना बेकाम है. पंचायत से पीएचइडी में हस्तांतरित होने के बाद पंचायत प्रतिनिधि इससे पल्ला झाड़ चुके हैं. राढ़ी पश्चिमी पंचायत में चापाकल सूखने व नल-जल योजना से पानी नहीं मिलने को लेकर कई परिवार पलायन कर रहे हैं. अन्य पंचायत की अपेक्षा इस पंचायत के लोग भीषण जलसंकट से जूझ रहे हैं. पूर्व पंसस विन्दा लाल नायक ने बताया कि नल-जल पीएचइडी के हवाले हो जाने की वजह से वर्तमान पंचायत प्रतिनिधि उस झांकने से भी परहेज कर रहे हैं. दूसरी ओर पानी की किल्लत क कारण पंचायत के कई परिवार घर छोड़कर पलायन कर गये हैं. रामबाबू नायक ने बताया कि नल-जल से पानी नहीं आने तथा चापाकल के सूख जाने से पानी की भारी किल्लत हो गयी है. इसी वजह से पूर्व मुखिया उषा देवी पूरे परिवार के साथ अपने मायके सारण जिला के सोनपुर चली गयी है. मुखिया प्रतिनिधि संजीव कुमार ने बताया कि नल-जल पंचायत से पीएचइडी को दे दिये जाने से पंचायत के खाते में इसकी मरम्मत करने के लिए एक रुपया नहीं है. उन्होंने बताया कि राढ़ी पश्चिमी के अधिकांश नल-जल अभी खराब हो गया है. इसे चालू करने के लिए जनता जब पीएचइडी के जेइ पवन कुमार से बात करते हैं तो वे ठेकेदार से बात करने के लिए कह देते हैं. वहीं ठेकेदार से बात करने पर वह बताता है कि उसे अभी तक राढ़ी पश्चिमी का ठेका मिला ही नहीं है. ऐसे हालात में जनता आए दिन मुखिया के समक्ष शिकायत लेकर आते रहते हैं. उन्होंने बताया कि विधान पार्षद सुनील चौधरी द्वारा उन्हें चार चापाकल मिला, जिसे वे अलग-अलग चार वार्ड में लगवाकर समस्या समाधान में लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि वैसे तो सभी वार्डों में पानी की किल्लत है, परंतु वार्ड आठ, नौ, 10, 11, 12, 13, 15 का चापाकल ने पानी देना पूरी तरह बंद कर दिया है. इस संबंध में जेइ पवन कुमार ने कार्यपालक अभियंता से बात करने की सलाह दी. कार्यपालक अभियंता से पूछने पर उन्होंने फौरन जेइ से बात कर मामले की जानकारी लेकर समस्या के समाधान का भरोसा दिया.
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