डीएमसीएच में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था को लेकर पटना में आज होगा मंथन
डीएमसीएच की व्यवस्था और बेहतर किये जाने को लेकर कल बुधवार को पटना में मंथन किया जायेगा.
दरभंगा. डीएमसीएच की व्यवस्था और बेहतर किये जाने को लेकर कल बुधवार को पटना में मंथन किया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक में कॉलेज एवं अस्पताल की बेहतरी के लिए निर्णय लिये जायेंगे. डीएमसी के प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा यहां की स्थिति के बारे में बैठक में जानकारी देंगे. बैठक में प्रमुख रूप से चिकित्सकों की उपस्थिति, विभागों में सर्जरी व अन्य मूलभूत सुविधाओं पर बातें होगी. एनएमसी के मानक के अनुरूप चिकित्सा व्यवस्था में बदलाव को लेकर मंथन किया जायेगा. डीएमसी प्रशासन द्वारा देर शाम तक बैठक के लिये रिपोर्ट तैयार की जा रही थी. समझा जा रहा है कि इस बैठक का अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था पर गुणात्मक बदलाव आ सकता है. बताया जा रहा है कि अब अस्पताल में चिकित्सकों की उपस्थिति 90 प्रतिशत से अधिक रहती है. मानक के अनुरूप कार्य को बेहतर करने के लिये डीएमसी प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. प्राचार्य डॉ मिश्रा बैठक में भाग लेने के लिये बुधवार की सुबह यहां से पटना के लिए रवाना होंगे. डीएमसीएच में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. रोजाना मेन ओपीडी में औसतन 3000 मरीज इलाज के लिये पहुंचते हैं. गायनिक व मदर एंड चाइल्ड अस्पताल में रोजाना 150 से अधिक महिलायें उपचार के लिए पहुंचती हैं. वर्तमान व्यवस्था में इन्हें सही से परामर्श एवं उपचार नहीं मिल रहा. बताया जाता है कि इसके मद्देनजर पिछले साल अस्पताल के उन्नयन की बात कही गयी थी. 1200 बेड को बढ़ाकर 2500 बेड करने पर निर्णय लिया गया था. निविदा प्रक्रिया भी पूरी की गयी थी. निविदा में सिविल वर्क भीतरी व बाहरी, प्लमिंग, सेनेटरी वर्क, इलेक्ट्रिकल वर्क (एलटी एण्ड एचटी), साइट डेवलपमेंट, बाउंड्री वाल, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, फायर डिटेक्शन, फायर अलार्म एंड सप्रेशन, सीसीटीवी, लैंडस्केपिंग, मेडिकल व नन मेडिकल फर्नीचर, कंप्यूटर एंड सर्वर, एमजीपीएस, मेडिकल इक्विपमेंट एवं डेमोलिशन ऑफ एक्जिस्टिंग स्ट्रक्चर का कार्य शामिल है. ढांचागत संरचना के मद्देनजर बीएमएसआइसीएल द्वारा पूर्व में टेंडर जारी किया गया था. 225 एकड़ भूमि के मापन के बाद मास्टर प्लान तैयार किया गया. 2155.57 करोड़ की लागत से अस्पताल को नया स्वरूप देने की बात कही गयी थी. बिहार मेडिकल सर्विसेज एण्ड इन्फ्रास्क्टचर कॉपरेशन लिमिटेड (बीएमएसआइसिल) की ओर से जारी टेंडर में संवेदक को दो साल में यानी 2025 तक निर्माण का कार्य पूरा करने को कहा गया. फिलहाल इसे लेकर कोई विशेष सुगबुगाहट नजर नहीं आ रही है.
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