डीएमसीएच में आधे दर्जन डेड बॉडी की जरूरत, चिकित्सकों को मिला शव तलाशने का काम
एनाटोमी विभाग के मेडिकल छात्रों की पढ़ाई के लिए डेड बॉडी की खोज की जायेगी.
दरभंगा. दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सकों को नया टास्क दिया गया है. एनाटोमी विभाग के मेडिकल छात्रों की पढ़ाई के लिए डेड बॉडी की खोज की जायेगी. नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के निर्देश के मद्देनजर डीएमसी के प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा ने इसे लेकर चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. एनाटोमी विभाग के अध्यक्ष डॉ एसके कर्ण की अगुवाई में गठित समिति में उपाधीक्षक डॉ हरेंद्र कुमार, एनाटोमी विभाग के डॉ गौरी शंकर झा व एफएमटी हेड डॉ पीके दास को शामिल किया गया है. जानकारी के अनुसार एनाटोमी विभाग में पढ़ाई के लिए डेड बॉडी की संख्या कम हो गयी है. इस पर एनएमसी ने नाराजगी जाहिर की है. एनाटोमी विभाग में 120 छात्रों के लिए 12 डेड बॉडी चाहिए. एनएमसी के अनुसार 10 छात्रों पर एक डेड बॉडी जरूरी है. इस हिसाब से 12 डेड बॉडी की आवश्यकता है. वर्तमान में विभाग में मात्र छह डेड बॉडी है. और छह डेड बॉडी के लिए चिकित्सकों को जिम्मेदारी दी गयी है. चिकित्सकों के अनुसार एनाटॉमी विभाग में शरीर की संरचना, कार्य और विकास का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है. यह मानव शरीर विज्ञान और विकासवादी जीव विज्ञान को समझने के लिए आवश्यक है. छात्रों को शरीर की रचना आदि का अध्ययन डेड बॉडी के माध्यम से कराया जाता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है