Darbhanga News: स्कूलों में बच्चों को नहीं दी जा रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शिक्षकों का वर्ग संचालन में रुचि नहीं
Darbhanga News:जिले के स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा बच्चों को नहीं दी जा रही है. शिक्षकों का वर्ग संचालन में रुचि नहीं है.
Darbhanga News: दरभंगा. जिले के स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा बच्चों को नहीं दी जा रही है. शिक्षकों का वर्ग संचालन में रुचि नहीं है. विद्यालयों का निरीक्षण धरातल पर नहीं हो रहा है. इ- शिक्षा कोष पोर्टल पर शिक्षकों एवं नामांकित बच्चों की जो उपस्थिति दिखाई जाती है, वह वास्तविक नहीं होता है. एचएम एवं निरीक्षी पदाधिकारी की मिली भगत से जिले में फर्जी निरीक्षण प्रतिवेदन तैयार होता है. इसमें डीइओ की भी सहमति होती है. इन सब बातों का उल्लेख करते हुये शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने पत्र जारी किया है. डीइओ को सचेत करते हुए कहा है कि यदि विद्यालयों के निरीक्षण में किसी भी पदाधिकारी, कर्मचारी द्वारा लापरवाही की जाती है, तो उनके विरुद्ध निलंबन, विभागीय कार्यवाही या बर्खास्तगी का भी दंड अधिरोपित किया जायेगा. यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो डीइओ को जवाबदेह मानते हुए विभागीय कार्यवाही की जायेगी. डॉ सिद्धार्थ ने कहा है कि राज्य स्तर पर गठित गुप्त जांच टीम के जांच प्रतिवेदन में यह सच्चाई सामने आयी है.
लापरवाह निरीक्षी पदाधिकारी, एचएम एवं शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं
पत्र में कहा गया है कि कुछ समर्पित शिक्षकों के प्रयत्न से विद्यालयों में शैक्षणिक माहौल तैयार तो हो रहा है, लेकिन कुछ लापरवाह शिक्षकों की वजह से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में काफी ह्रास हुआ है. कुछ शिक्षक अभी भी विद्यालय के सुचारू संचालन व्यवस्था के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं. विद्यालय निरीक्षी पदाधिकारी एवं एचएम के मिलीभगत से निरीक्षण प्रतिवेदन फर्जी जारी किया जाता है. निरीक्षण व्यवस्था में अभी भी त्रूटि है, लेकिन डीइओ स्तर से निरीक्षी पदाधिकारी, संबंधित एचएम एवं अनुपस्थित शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई नहीं की जा रही. इससे स्पष्ट होता है कि राज्य स्तर पर वरीय पदाधिकारी द्वारा जारी विद्यालय संचालन, रूटीन के अनुसार कक्षा संचालन एवं विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से संबंधित जारी विस्तृत दिशा निर्देश का अनुपालन डीइओ स्तर से नहीं हो रहा है.
फर्जी तरीके से बनायी जा रही बच्चों की 50 प्रतिशत उपस्थिति
कहा है कि इ- शिक्षा कोष पोर्टल पर ऑनलाइन अटेंडेंस के बावजूद कुछ विद्यालयों में प्रधानाध्यापक और शिक्षकों द्वारा फर्जी उपस्थिति अभी भी लगाई जा रही है. बच्चों की उपस्थिति 50 प्रतिशत तो दिखाई जाती है, परंतु उपस्थित कम रहती है. जांच प्रतिवेदन से उजागर हुआ है कि सरकारी विद्यालयों में कुल नामांकित छात्रों के विरुद्ध नियमित दिनों में छात्रों की उपस्थिति अत्यंत कम होती है. जांच के क्रम में यह भी प्रकाश में आया है कि अधिकांश नामांकित बच्चे केवल विद्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा के दिन ही रहते हैं. अधिकांश शिक्षक कक्षा संचालित करने की अपेक्षा उपस्थिति बनाए रखने पर अधिक ध्यान देते हैं. इन शिक्षकों की रुचि कक्षा के सुचारू संचालन में नहीं रहती है. कुछ शिक्षक विद्यालय अवधि में आते तो हैं. लेकिन कुछ कक्षा करने के बाद निजी कामों से चले जाते हैं. फिर छुट्टी की अवधि में उपस्थिति दर्ज करने स्कूल वापस आ जाते हैं.
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