Darbhanga News: मोबाइल से चिपके रहने के कारण पुस्तकों से दूर होते जा रहे बच्चे
Darbhanga News:मोबाइल से ही चिपके रहने के कारण आजकल के बच्चे पुस्तकों से दूर होते जा रहे हैं. इसके लिए सिर्फ बच्चों को दोष नहीं दिया जा सकता.
Darbhanga News: दरभंगा. मोबाइल से ही चिपके रहने के कारण आजकल के बच्चे पुस्तकों से दूर होते जा रहे हैं. इसके लिए सिर्फ बच्चों को दोष नहीं दिया जा सकता. अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों के लिएये किताबें खरीद कर घर ले जायें. उन्हें उन बालोपयोगी पुस्तकों को पढ़ने के लिए प्रेरित करें. यह बात उत्तराखंड से प्रकाशित बच्चों की पत्रिका बालप्रहरी के संपादक उदय किरौला ने हिंदी बाल साहित्य शोध संस्थान बनौली की ओर से स्नेह अगेही शिक्षण संस्थान शुभंकरपुर में आयोजित स्थापना दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही. उन्होंने कहा कि अगर हम पुस्तक खरीदकर घर लाएंगे, तो बच्चे जरूर पुस्तक की ओर आकर्षित होंगे. शहरीकरण, सयुंक्त परिवारों के विघटन व एकल परिवारों के कारण बच्चे दादा व दादी से मिलने वाले प्राकृतिक प्यार से दूर होते जा रहे हैं. भारी बस्ते, ट्यूशन संस्कृति व होमवर्क के कारण बच्चों के पास खेलने का तक समय नहीं है. उनका बचपन छिन गया है.
साहित्यकारों को बाल मनोविज्ञान समझ कर लिखनी होगी पुस्तक- डॉ दिनेश
डॉ दिनेश प्रसाद शाह ने कहा कि बच्चों तक बाल साहित्य पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनौती है. बच्चों के लिए साहित्य लिखते समय साहित्यकारों को बाल मनोविज्ञान को समझना होगा. बच्चा बनकर बच्चों के लिए लिखना होगा. शोध संस्थान के अध्यक्ष डॉ सतीश चंद्र भगत ने कहा कि बाल साहित्य को प्रोत्साहित करने व संरक्षित करने के लिए उनकी संस्था विगत आठ वर्ष से काम कर रही है. कई बाल कविता संकलन तैयार किया गया है. समारोह में डॉ वंदना मिश्र (म.प्र.), डॉ अभिषेक कुमार, डॉ वेदप्रकाश अग्निहोत्री (उतर प्रदेश), डॉ नरेशचंद्र त्रिपाठी (लखनऊ), साधुशरण भगत, कविता श्रीवास्तव, डॉ रीता सिंह, डॉ विद्या चौधरी आदि साहित्यकारों को प्रतीक चिह्न, अंग वस्त्र व बालसाहित्य भेंट किया गया.
सम्मानित किये गये बाल कवि
समारोह के दौरान विभिन्न स्कूलों के बालकवियों को सम्मानित किया गया. खुशी चौरसिया, खुशबू कुमारी, श्रद्धा सुरभि, संप्रज्ञा सुरभि, श्रेया पाण्डे, अंकुश पासवान, अमन कुमार, सान्या, शान्विका, गिरिश चौरसिया, सचिन कुमार, राजा कुमार, राजनन्दनी, राजलक्ष्मी कुमारी, अनुप्रिया कुमारी, शान्वी, सिद्धि ठाकुर, दिव्यांश, अदिति, आराध्या, सूर्यवंश, आशी, अनाया, कुमारी निक्की, अविनाश कुमार, मोना कुमारी, सुरभि कुमारी, अमृता कुमारी, पुनीत श्रीवास्तव, स्पर्श कुमार, रौशनी कुमारी, रमण कुमार आदि ने कविता पाठ भी किया.
कई पुस्तकों का लोकार्पण
इस अवसर पर शोध संस्थान से प्रकाशित ””पर्यावरण की करें सुरक्षा””, कविता श्रीवास्तव की ””चिड़िया रानी””, सविता कुमारी द्वारा संपादित हस्तलिखित पत्रिका ””सिमरी दर्पण”” तथा डॉ रीता सिंह की ””बिहार के बाल साहित्यकार: एक अध्ययन”” सहित कई पुस्तकों का लोकार्पण किया गया. संचालन अमिताभ कुमार सिन्हा ने किया. मौके पर अखिलेश कुमार चौधरी, महाकांत प्रसाद, शंभु नारायण चौधरी, हीरालाल सहनी, रीतु प्रज्ञा, आलोक कुमार, सूबेदार नंद किशोर साहु, अरविंद कुमार आशीष अकिंचन, महाकांत प्रसाद आदि मौजूद रहे.
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