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Darbhanga News: जिले के दो पंचायतों के स्कूलों में बच्चों को मिलेगा पका पकाया भोजन

Darbhanga News:जिले के दो पंचायतों के सभी स्कूलों में अब बच्चों को पका-पकाया भोजन मिलेगा. पीएम पोषण याेजना के तहत जिले को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चयनित किया गया है.

Darbhanga News: दरभंगा. जिले के दो पंचायतों के सभी स्कूलों में अब बच्चों को पका-पकाया भोजन मिलेगा. पीएम पोषण याेजना के तहत जिले को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चयनित किया गया है. प्रोजेक्ट के तहत दरभंगा सहित प्रदेश के 10 जिले के दो-दो पंचायतों में यह योजना संचालित होगी. मध्याह्न भोजन स्कूल में बनाये जाने से कई तरह की समस्या होती रही है. व्यवस्था से लेकर पठन-पाठन तक पर इसका असर पड़ता है. एमडीएम का पैसा खाने के चक्कर में अधिकांश स्कूलों के एचएम बच्चों की उपस्थिति बढ़ा- चढ़ा कर दिखाते हैं. फर्जी उपस्थिति दिखाकर योजना का पैसा खाने वाले एचएम एवं अधिकारियों की पोल उच्चाधिकारियों के निरीक्षण में खुलती रही है. समझा जाता है कि यही सब देखकर अब क्रमवार रूप से सभी स्कूली बच्चों को एजेंसी के माध्यम से एमडीएम परोसने की योजना पर काम चल रहा है. पूर्ण रूप से योजना के संचालित होने से सरकार को साल में करोड़ों रुपये की बचत होगी. बता दें कि शहरी क्षेत्र के स्कूलों के बच्चों को पका-पकाया भाेजन मिल रहा है. जिले में 241 मध्य एवं 1700 प्राथमिक विद्यालय संचालित है.

नियुक्त होगे व्यवस्थापक, खाना बनाने एवं खिलाने का काम करेंगे रसोइया

पायलट परियोजना के तहत दरभंगा के अलावा मधुबनी, मुजफ्फरपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, भागलपुर, लखीसराय, गया एवं औरंगाबाद के 2-2 पंचायतों में इसे तत्काल लागू किया जाएगा. मध्याह्न भोजन योजना के निदेशक विनायक मिश्र ने डीएम को पत्र लिखकर पायलट प्रोजेक्ट के संचालन से संबंधित दिशा- निर्देश दिया है. व्यवस्थापक का चयन, खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री की व्यवस्था, मध्याह्न भोजन बनाने एवं पड़ोसने, प्रधानाध्यापक एवं प्रखंड साधन सेवी तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी का दायित्व के बारे में विस्तृत जानकारी दी है. पत्र में व्यवस्थापक का चयन, खाद्यान्न एवं अन्य सामग्री की व्यवस्था, मध्याह्न भोजन बनाने एवं परोसने, प्रधानाध्यापक, प्रखंड साधन सेवी तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी के दायित्व आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी है. कहा है कि मध्याह्न भोजन के व्यवस्थापक इसके संचालन के लिए पूर्णत: जिम्मेदार होंगे. भोजन सामग्री की व्यवस्था सहित अन्य कार्रवाई व्यवस्थापक के माध्यम से होगी. खाना पकाने एवं खिलाने का काम रसोइया करेंगे. बता दें कि कई जिले के शहरी क्षेत्र में केंद्रीयकृत रसोई के माध्यम से चयनित स्वयंसेवी संस्था पका पकाया मध्याह्न भोजन की आपूर्ति विद्यालयों में करती है.

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