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जिन स्कूलों में बाढ़ का पानी, वहां के बच्चे दूसरे स्कूलों में करेंगे पढ़ाई

माॅनसून के प्रारंभ होने के बाद बाढ़ की स्थिति बन जाती है

By Prabhat Khabar News Desk | July 15, 2024 11:49 PM

दरभंगा. माॅनसून के प्रारंभ होने के बाद बाढ़ की स्थिति बन जाती है. कई विद्यालय बाढ़ से प्रभावित हो जाते हैं. अनेक विद्यालयों को बंद करना पड़ता है. इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के स्कूलों के लिये बाढ़ आपदा प्रबंधन एवं प्रभाव की तैयारी जरूरी है. इसे लेकर शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पत्र के आलोक में जिला पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी ने संयुक्त आदेश जारी किया है. डीएम ने उन सभी विद्यालयों की पहचान करने को कहा है, जहां प्रतिवर्ष बाढ़ के कारण कक्षा बाधित होती है. भवन एवं परिसर डूब जाता है. वैसे विद्यालयों में दस्तावेज, शिक्षण सामग्री, उपकरण एवं उपस्कर विशेषकर बेंच डेस्क एवं अन्य सामग्रियों को सुरक्षित करने का उपाय अविलंब करने को कहा है. जिन विद्यालयों में बाढ़ का पानी आ गया है अथवा बाढ़ से प्रभावित हो गया है, उसे अविलंब सुरक्षित स्थान अथवा अन्य विद्यालयों के साथ टैग करते हुए संचालित करने के निर्देश दिए हैं. जिन विद्यालयों को राहत शिविर के रूप में चिन्हित किया जाता है अथवा चिन्हित किया जाना है, उन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं की शिक्षा बाधित नहीं हो. ऐसी स्थिति में छात्र-छात्राओं की पढ़ाई किस स्थान एवं किस समय पर होगी, इसकी कार्य योजना विद्यालय स्तर पर बनाई जाएगी. बच्चों को घरों पर उनके पठन-पाठन सामग्रियों को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक किया जाएगा. बाढ़ प्रभावित होने की स्थिति में बच्चे जिस राहत शिविर में रह रहे हैं, वहां पर शिक्षण कार्य संचालित करने की योजना पर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं. मध्यान भोजन के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न का भंडारण एवं गैस सिलेंडर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है. विद्यालयों में प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है. राहत शिविरों में रहने वाले छात्र-छात्राओं का विशेष ख्याल तथा उनके पोषण तथा स्वच्छता आदि पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं. राहत शिविरों में संबंधित विद्यालय के शिक्षक छात्र-छात्राओं के लिए वैकल्पिक शिक्षण की व्यवस्था करेंगे. बच्चों को रुचि पूर्ण तरीके से सीखने समझने वाली गतिविधियों में व्यस्त रखने को कहा गया है. मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के फोकल शिक्षक राहत शिवरों में बच्चों की हर स्थिति में सुरक्षा, संरक्षण एवं उनकी सुविधाओं का ध्यान रखेंगे. पानी घटने के बाद पुनर्वास प्रक्रिया के दौरान विद्यालयों की साफ सफाई की जायेगी. मरम्मत की जरूरत होगी तो यथाशीघ्र काम कराया जायेगा. बच्चों की पढ़ाई जल्द सुनिश्चित की जायेगी.

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