तारडीह. जगदीश नारायण ब्रह्मचर्य आश्रम सह आदर्श संस्कृत महाविद्यालय परिसर में दीक्षारंभ कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. दो सत्र में आयोजित इस व्याख्यानमाला के प्रथम सत्र में राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय तिरुपति के पूर्व कुलपति डॉ राधाकांत ठाकुर ने संस्कृत भाषा, साहित्य तथा व्याकरण के संवर्द्धन के लिए इस तरह के आयोजन की जरूरत जतायी. शास्त्रीय परंपरा व संस्कृत भाषा-साहित्य एवं व्याकरण के साथ वेद विद्या के ज्ञान के लिए प्रसिद्ध इस भूमि की प्रशंसा की. सांयकालीन सत्र को जम्मू-कश्मीर के केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ श्रीधर मिश्र ने संबोधित किया. महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ सदानंद झा ने आगत अतिथि का स्वागत किया. महाविद्यालय परिवार की ओर से आश्रम के संचालक कृष्ण मोहन दास ब्रह्मचारी बौआ भगवान ने पाग-चादर से अभिनंदन किया. मौके पर डॉ राघव कुमार झा, रमेश कुमार झा, मुखिया रामाश्रय चौधरी समेत महाविद्यालय के प्राध्यापक, व्याख्याता व कर्मी मौजूद थे.
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