दरभंगा. जिले में पहली बार रिसर्च सोसाइटी फाॅर द स्टडी ऑफ डाइबिटीज इन इंडिया बिहार चैप्टर का वार्षिक सेमिनार होगा. इसमें देश के विभिन्न प्रांतों से 54 स्पीकर एवं विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के 450 डेलिगेट्स भाग लेंगे. डीएमसीएच ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय कार्यक्रम 14 से शुरू किया जायेगा. ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन डॉ एस सी झा ने बताया कि वैज्ञानिक सत्र के तहत मुख्य अतिथि डॉ राकेश सहाय होंगे. उद्घाटन सत्र 15 जून को शाम 5.30 बजे शाम होगा. मुख्य अतिथि डॉ बीबी ठाकुर होंगे. संगोष्ठी में आरएसएसडीआई के अध्यक्ष डॉ वी विश्वनाथन, हैदराबाद से डॉ राकेश सहाय, राजकोट से डॉ प्रताप जेठवानी, श्रीनगर से डॉ एएच जरगर, रांची से डॉ प्रवीण श्रीवास्तव, मुंबई से डॉ दीपक कुमार जुमानी, अजमेर से डॉ रजनीश सक्सैना, अहमदाबाद से डॉ आकाश सिंह, बेंगलुरु से डॉ अरविंदा जे, वाराणसी से डॉ केके त्रिपाठी आदि भाग लेंगे. जानकारी देते हुए ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डॉ मनीष कुमार प्रसाद ने बताया कि लोगों में डायबिटीज एवं उससे संबंधित कई तरह की भ्रांतियां है. इस क्षेत्र में नए- नए शोध हो रहे हैं. भारत के विभिन्न इलाकों से पहुंचे डायबिटीज विशेषज्ञ शोधकर्ता अपनी बात रखेंगे. डॉ श्वेताभ वर्मा ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान 16 जून को सुबह 6.45 से 7.30 तक आम पब्लिक और डायबिटीज विशेषज्ञों के बीच सीधा संवाद कार्यक्रम निर्धारित है, जिसमें डायबिटीज को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब दिया जायेगा. ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के डॉ भरत कुमार ने कहा कि डायबिटीज से रिलेटेड कॉम्प्लिकेशन पर विषय विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे. डायबिटीज मरीजों के लिए पैक्ड आइटम कहीं से भी सेफ नहीं है. डॉ देवार्थ ने कहा कि डायबिटीज एक ज्वलंत इशू है. इंडिया इसका कैपिटल बन गया है. डायबिटीज को जागरूकता से कम किया जा सकता है. डॉ दीपक, डॉ अजीत कुमार प्रसाद, डॉ राजेश कुमार, डॉ रितेश कमल, डॉ विजय कुमार आदि मौजूद थे.
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