एक्सीलेटर का संचालन नहीं, दरभंगा जंक्शन पर आवागमन में छूटते रहे यात्रियों के पसीने

राजस्व के मामले में भले ही दरभंगा जंक्शन पूरे समस्तीपुर रेल मंडल में अव्वल रहता हो, यात्री सुविधा के मामले में यहां स्थिति ठीक विपरीत है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 26, 2024 10:29 PM

दरभंगा. राजस्व के मामले में भले ही दरभंगा जंक्शन पूरे समस्तीपुर रेल मंडल में अव्वल रहता हो, यात्री सुविधा के मामले में यहां स्थिति ठीक विपरीत है. यात्रियों को मुकम्मल सुविधा तो अबतक नहीं ही दी गयी है, उपलब्ध सुविधा का भी उन्हें समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा. यात्रियों की सुविधा के लिए जंक्शन के चार प्लेटफार्म पर एक्सीलेटर लगाया गया है. इस स्वचालित सीढ़ी के लगने से यात्रियों को स्वाभाविक रूप से सहूलियत होती है, लेकिन इसका हमेशा संचालन समुचित रूप से नहीं होने की वजह से परेशानी झेलनी पड़ रही है. सोमवार को पूर्वाह्न में एक्सीलेटर बंद था. यात्री सीढ़ी चढ़कर एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म आ-जा रहे थे. शारीरिक रूप से लाचार एवं भारी सामान लेकर सफर करने वालों को इस वजह से काफी परेशानी झेलनी पड़ी. पसीने से लथपथ यात्री आते-जाते नजर आये.

प्लेटफार्म दो-तीन पर वन साइड एक्सीलेटर

दरभंगा जंक्शन पर पांच प्लेटफार्म हैं, जिनसे गाड़ियां आती-जाती हैं. प्लेटफार्म संख्या एक से चार तक को एक्सीलेटर से जोड़ा गया है. इसमें प्लेटफार्म संख्या दो-तीन पर महज वन साइडेड एक्सीलेटर की सुविधा दी गयी है. स्वाभाविक रूप से यात्रियों को इस वजह से परेशानी होती है.

एक साइड का एक्सीलेटर खराब

प्लेटफार्म संख्या चार-पांच पर लगे एक्सीलेटर का एक साइड का स्वचालित सीढ़ी खराब पड़ा है. सोमवार को दूसरे साइड की स्वचालित सीढ़ी का संचालन बंद रहने के कारण अति संकीर्ण सिंगल एक्सीलेटर से सीढ़ीयां चढ़कर लोग आवागमन करते रहे. यह हाल उस समय रहा, जब नई दिल्ली जाने वाली सबसे अधिक भीड़ वाली बिहार संपर्क क्रांति के अलावा अमृतसर जाने वाली शहीद एक्प्रेस के परिचालन का समय था. इसी दौरान कोलकाता से सीतामढ़ी जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन भी पहुंची. सवारी गाड़ियों की तो बात ही बेमानी है. इस बाबत स्टेशन अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि प्लेटफार्म चार-पांच का एक्सीलेटर खराब है. जल्द ही इसे दुरूस्त कर लिया जायेगा. बता दें कि एक्सीलेटर के संचालन के लिए जंक्शन पर स्वीच लगा है, जिसे उपद्रवी ऑफ कर देते हैं. इसे दुबारा ऑन करने के लिए संबंधित विभाग से कर्मी को आना पड़ता है. सूचना मिलने एवं कर्मी के पहुंचने में अक्सर अधिक वक्त लग जाता है. जिस अवधि में एक्सीलेटर का संचालन बंद पड़ा रहता है. ऐसा आए दिन होता रहता है.

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