Darbhanga Airport: दरभंगा एयरपोर्ट को लेकर बड़ा अपडेट है. अब यहां जल्द ही एप्रॉन और दो लिंक टैक्सीवेज का निर्माण शुरू होने वाला है. 54 एकड़ भूमि में कार्य निष्पादन से पूर्व मिट्टी की जांच की जाएगी. इसे लेकर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से निविदा निकाली गई है. इस परियोजना के पूरा होने से एयरपोर्ट की कार्यक्षमता में सुधार होगा. सरकार की इस पहल से विमान संचालन तेज होगा और यात्रियों को और भी अच्छी सुविधाएं मिलेंगी.
25 दिनों के भीतर काम पूरा करने का लक्ष्य
जानकारी के अनुसार, इस परियोजना के लिए 54 एकड़ भूमि की जरुरत पड़ने वाली है. परियोजना के लिए कुल 3.41 लाख आवंटित किए गए हैं साथी ही 25 दिनों के भीतर कार्य पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है. परियोजना के निर्माण कार्य से पहले भूमि की मिट्टी की जांच की जाएगी. एप्रॉन और टैक्सीवेज का निर्माण पूरा होने के बाद अन्य सिविल कार्य भी शुरू किए जाएंगे. एप्रन बन जाने से एक साथ सात विमान एयरपोर्ट पर ठहर पाएंगे.
7 विमानों के ठहरने की हो जाएगी क्षमता
वर्तमान में दरभंगा एयरपोर्ट के एप्रॉन की 2 विमान ठहराने की क्षमता है. निर्माण पूरा होने के बाद यह क्षमता बढ़कर 7 विमान की हो जाएगी. वहीं रनवे को एप्रॉन, हैंगर, टर्मिनल और अन्य सुविधाओं से जोड़ने के लिए टैक्सीवेज बनाया जाएगा. इससे विमानों का रनवे से जल्दी बाहर निकलना संभव होगा. वर्तमान समय में सिर्फ 2 विमानों के ठहरने की व्यवस्था है. इस वजह से अगले विमान को उतरने में देरी होती है, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है. सड़कों की स्थिति और हरियाली की कमी के कारण तेज हवाओं का प्रभाव देखा जा रहा है.
क्या है टैक्सीवेज?
टैक्सीवेज, हवाई अड्डे पर विमानों के लिए एक रास्ता है, जो रनवे को एप्रन, हैंगर, टर्मिनल और अन्य सुविधायों से जोड़ता है. यह ज्यादातर कंक्रीट जैसी कठोर सतह वाला होता है. हालांकि, छोटे और सामान्य विमानन हवाई अड्डे पर कभी-कभी बजरी या घास का उपयोग भी होता है. व्यस्त हवाई अड्डों पर आमतौर पर हाइ-स्पीड या रैपिड एग्जिट टैक्सीवेज बनाए जाते हैं ताकि विमान अधिक गति से रनवे से बाहर निकल सके. इससे विमान को रनवे से जल्दी निकलने में मदद मिलती है, जिससे दूसरे विमान को कम समय में उतरने या उड़ान भरने में मदद मिलती है.
परियोजना का प्रमुख लाभ
इस परियोजना के कई लाभ हैं, जिसमें बेहतर विमान संचालन, यात्रियों की सुविधा आदी शामिल हैं. इस परियोजना के पूरा हो जाने से दरभंगा एयरपोर्ट पर एक साथ 7 विमान ठहरने की व्यवस्था होगी, जिससे फ्लाइट की देरी में कमी आएगी. टैक्सीवेज बनने से विमानों का संचालन तेज होगा, जिससे समय पर उड़ान और लैंडिंग से यात्रियों का अनुभव बेहतर होगा. यात्रा समय में बचत होगी.
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