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श्यामा नामधुन संकीर्तन महायज्ञ: मिथिला के प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन पर कोरोना का ग्रहण, इस साल नहीं मिली अनुमति

दरभंगा में मिथिला का प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन, श्यामा नामधुन संकीर्तन महायज्ञ इस साल नहीं होगा. कोरोना काल में आयोजन में भीड़ की संभावना को देखते हुये डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने इसकी इजाजत नहीं दी है. बताया जा रहा है कि विकल्प के तौर पर सुझाये गये 24 घंटा के अष्टजाम आयोजन पर कुछ शर्तों के साथ डीएम ने सहमति दे दी है. अब आयोजन समिति की बैठक में अष्टजाम की तिथि का निर्धारण किया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | December 7, 2020 9:09 AM

दरभंगा में मिथिला का प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन, श्यामा नामधुन संकीर्तन महायज्ञ इस साल नहीं होगा. कोरोना काल में आयोजन में भीड़ की संभावना को देखते हुये डीएम डॉ त्यागराजन एसएम ने इसकी इजाजत नहीं दी है. बताया जा रहा है कि विकल्प के तौर पर सुझाये गये 24 घंटा के अष्टजाम आयोजन पर कुछ शर्तों के साथ डीएम ने सहमति दे दी है. अब आयोजन समिति की बैठक में अष्टजाम की तिथि का निर्धारण किया जायेगा.

14 दिसंबर से पूर्व अग्निवास के दिन अष्टजाम का आयोजन

जानकारी के अनुसार 14 दिसंबर से पूर्व अग्निवास के दिन अष्टजाम का आयोजन किया जायेगा. विदित हो कि 32 साल से लगातार हर वर्ष श्यामा नामधुन नवाह महायज्ञ का आयोजन जारी है. 33वें साल कोरोना के कारण नवाह आयोजित नहीं हो सकेगा. इसे लेकर भक्तों में गहरी निराशा है. बता दें कि 1987 में बाढ़ व 1988 में आये भूकम्प के बाद जन कल्याण की कामना को लेकर मां के भक्तों ने नवाह यज्ञ की शुरुआत की थी. तब से लगातार सफलतापूर्वक इसका आयोजन होता आ रहा था. हर साल अगहन कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से नवाह की शुरुआत होती थी. इस साल कल पांच दिसंबर को यह तिथि गुजर गयी.

मंदिर परिसर में तिल रखने तक का नहीं बचती थी जगह

महायज्ञ में मिथिला के अधिकांश जिले के साथ-साथ नेपाल की तराई से भी भक्त पहुंचते हैं. लगातार नौ दिनों तक भक्तों की भारी भीड़ के कारण मंदिर परिसर में तिल रखने तक की जगह नहीं बचती थी. लोग सपरिवार मां का आर्शीवाद लेने श्यामा धाम पहुंचते थे. नवाह के उत्तरार्ध में लोगों की भीड़ अनियंत्रित हो जाती थी. इसको संभालने के लिये पुलिस प्रशासन को दर्जनों अधिकारी व कर्मियों को लगाना पड़ता था. समिति के सदस्य भी लगातार सक्रिय रहकर श्रद्धालुओं को नियंत्रित करते थे. मंदिर परिसर के बाहर में मेला लगता था. मां के दर्शन के बाद लोग मेले का लुत्फ उठाते थे.

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संकीर्तन में भाग लेने पहुंचती रही है अधिकारियों की टोली

नवाह यज्ञ में सहभागिता को लेकर देश के विभिन्न भागों में उंचे सरकारी व निजी पदों पर कार्यरत मिथिला के बड़े-बड़े अधिकारी व कर्मचारी यहां आते थे. पूर्व नियोजित तिथि को यहां एक साथ पहुंचकर दर्जनों अधिकारी मां का संकीर्तन करते थे. इस तरह से मां की आराधना के साथ इन अधिकारियों का घर आगमन भी हो जाता था.

Posted by : Thakur Shaktilochan

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