नीचे आया करेह का जलस्तर, दरभंगा-समस्तीपुर के बीच ट्रेनों का परिचालन शुरू

दरभंगा : करेह नदी में बाढ़ के कारण थलवारा-हायाघाट स्टेशनों के बीच डूबे पुल संख्या 16 के गार्टर से पानी उतर गया है. रेलवे के अभियंत्रण विभाग ने इस पुल को ट्रेन परिचालन के लिए फिट घोषित कर दिया है. अब दरभंगा-समस्तीपुर रेल खंड पर ट्रेन परिचालन बहाल हो रही है.

By Prabhat Khabar | August 21, 2020 7:33 AM

दरभंगा : करेह नदी में बाढ़ के कारण थलवारा-हायाघाट स्टेशनों के बीच डूबे पुल संख्या 16 के गार्टर से पानी उतर गया है. रेलवे के अभियंत्रण विभाग ने इस पुल को ट्रेन परिचालन के लिए फिट घोषित कर दिया है. अब दरभंगा-समस्तीपुर रेल खंड पर ट्रेन परिचालन बहाल हो रही है.

जानकारी के मुताबिक गार्टर से पानी बीती रात ही उतर गया. निगरानी के लिए तैनात अभियंत्रण विभाग की टीम ने इसके बाद पुल की जांच की. इसके बाद लाइट इंजन से ट्रायल लिया. इसके बाद देर शाम समस्तीपुर मंडल मुख्यालय को इस पुल के परिचालन के लिए फिट होने की सूचना दे दी.

बताया जाता है कि यात्री ट्रेन से पहले गुड्स ट्रेन इस से गुजरेगी. गुरुवार की देर रात तक अमृतसर एवं मुंबई लोकमान्य तिलक टर्मिनल से आने वाली ट्रेन के रात में दरभंगा तक आने के बाद किसी तरह की सूचना नहीं थी. बताया जाता है कि शुक्रवार से परिचालन सामान्य हो जाएगा.

नई दिल्ली जाने वाली बिहार संपर्क क्रांति के अपने पूर्व निर्धारित मार्ग भाया समस्तीपुर रवाना होने की उम्मीद कम है. इस संबंध में हायाघाट स्टेशन मास्टर पंकज कुमार झा ने बताया कि गुड्स ट्रेन पहले चलाई जाएगी. इसमें किसी तरह की समस्या नहीं आने पर यात्री ट्रेन चलाई जाएगी.

सनद रहे कि गत 24 जुलाई को करेह नदी में पानी अत्यधिक बढ़ने के कारण पुल संख्या 16 का गार्टर पानी में डूब गया. पुल के पिलर दिखने बंद हो गए. इस स्थिति में सुबह करीब सात बजे इससे होकर परिचालन रोक दिया गया. उस स्थिति से आज तक दरभंगा से कोरोना का हाल में चल रही मात्र पांच जोड़ी ट्रेनों में दो जोड़ी गाड़ियों का परिचालन ही यहां से हो रहा था. इसमें संपर्क क्रांति एवं अहमदाबाद जाने वाली साबरमती को भाया सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर चलाया जा रहा था, जबकि अमृतसर के बीच चलने वाली शहीद एवं सरयू यमुना एक्सप्रेस के साथ लोकमान्य तिलक टर्मिनल आवागमन करने वाली पवन एक्सप्रेस को समस्तीपुर में ही शॉर्ट टर्मिनेट किया जा रहा था.

लॉकडाउन के दौरान आवागमन की सुविधा की समस्या झेल रहे रेल यात्रियों को इस वजह से परेशानी हो रही थी, जिससे निजात मिली है. हालांकि इस परेशानी की वजह रेल प्रशासन की लापरवाही ही रही, कारण करोड़ों की लागत से सालों पूर्व बाढ़ के दौरान परिचालन बहाल रखने के लिए पुल संख्या 16 के बगल में तैयार ऊंचे ब्रिज का उपयोग महज एप्रोच लाइन नहीं बन सकने के कारण नहीं हो पा रहा है. निर्माण के कई बाद कई बार परिचालन ठप होने की समस्या झेल चुका रेल प्रशासन अब तक इस दिशा में गंभीर नहीं हो सका है.

posted by ashish jha

Next Article

Exit mobile version