दरभंगा. डीएमसीएच के इएनटी विभाग में बहरेपन की जांच नहीं हो रही है. उपयोग नहीं होने तथा रख- रखाव के अभाव में ऑडियोमेट्री मशीन बेकार हो गयी. आखिरकार पिछले साल उसे कबाड़ में बेच देने की बात सामने आयी है. बताया गया है कि विभाग में ऑडियोलॉजिस्ट के पद को समाप्त कर दिया गया है. पूर्व में मरीजों की जांच टेक्नीशियन करता था, लेकिन यह व्यवस्था कारगर नहीं पायी. वर्तमान में बहरेपन के शिकार रोगियों का इलाज नहीं होता है. ऐसे मरीजों को निराश होकर लौट जाना पड़ता है. इधर, विभाग ने फिर से मशीन की उपलब्धता व जांच की व्यवस्था के लिए अधीक्षक कार्यालय को पत्र लिखा है. अभी तक इसे संज्ञान में नहीं लिया गया है. इएनटी विभाग में श्रवण की क्षमता मापने की व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीज व परिजनों को काफी दिक्कत हो रही है. बताया जाता है कि ओपीडी में रोजाना 40 से 50 मरीज श्रमण क्षमता की इलाज कराने पहुंचते हैं. चिकित्सक उन्हें ऑडियोमेट्री मशीन से जांच की सलाह देते हैं. इसके लिये मरीजों को बहादुरपुर स्थित बुनियादी केंद्र भेजा जाता है. जांच रिपोर्ट के बाद डॉक्टर परामर्श देते हैं. परीक्षण सुनने की क्षमता को ऑडियोमेट्री मशीन मापता है. चिकित्सकों के अनुसार जब कानों की नसें ध्वनि तरंगों से उत्तेजित होती है, तो वह ध्वनि मस्तिष्क तक जाती है. यह बुनियादी श्रवण प्रणाली बनाता है. इस प्रणाली का मूल्यांकन ऑडियोमेट्री परीक्षण से किया जाता है. 50 वर्ष से अधिक उम्र के बाद यह समस्या होती है. अब स्थिति में बदलाव हुआ है. किशोरों व युवा में भी सुनने की क्षमता में कमी की समस्या बढ़ रही है. अधीक्षक डॉ अलका झा ने बताया कि इएनटी विभाग में ऑडियोमेट्री जांच नहीं होने से संबंधित शिकायत नहीं मिली है. संबंधित कर्मी से जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
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