डीएमसीएच में दो से तीन दिनों के भीतर पेयजल की होगी मुकम्मल व्यवस्था
वर्तमान समय में लोग भीषण गर्मी व लू से जूझ रहे हैं.
दरभंगा. वर्तमान समय में लोग भीषण गर्मी व लू से जूझ रहे हैं. संभावित मरीजों की बेहतर चिकित्सा सुविधा के मद्देनजर स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य कर्मियों को एलर्ट कर दिया गया है. डीएमसीएच अधीक्षक डॉ अलका झा के निर्देश पर वार्डों में पेयजल, दवा, बेड, एसी आदि का मुकम्मल इंतजाम किया जा रहा है. विभिन्न विभागों, ओटी व आइसीयू में खराब एसी को दुरुस्त कर दिया गया है. दो से तीन दिनों में मरीज व परिजनों के लिये पेयजल का इंतजाम करने को कहा गया है. साथ ही चिकित्सक व कर्मियों को भी समय से ड्यूटी पर आने का निर्देश दिया गया है, ताकि विपरीत स्थिति में किसी प्रकार की समस्या नहीं हो. प्रभारी सीएस डॉ अमरेंद्र कुमार मिश्र के निर्देश पर अनुमंडल अस्पताल सहित पीएचसी की चिकित्सा व्यवस्था को चुस्त- दुरुस्त किया गया है. सभी अस्पतालों में लू के संभावित केस से निबटने के लिेये दो- दो बेड सुरक्षित रखने को कहा गया है. इसके अलावा संबंधित दवा का स्टॉक रखने को कहा गया है. 24 घंटे रोस्टर के अनुसार चिकित्सक व कर्मियों की ड्यूटी लगायी गयी है. भीषण गर्मी और लू के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट जारी किया है. विभाग ने अधीक्षक, सीएस के नाम एडवाइजरी जारी की है. इसके तहत भीषण गर्मी और लू को देखते हुये सभी अस्पतालों में संभावित रोगियों की इलाज के लिए डेडिकेटेड वार्ड की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है. साथ ही एंटीडायरियल मेडिसिन, आइवी फ्लूड और ओआरएस की पर्याप्त मात्रा में भंडारण करने का निर्देश दिया गया है. रोगी के लिए आवश्यक टेस्ट व इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया है. इसके अलावा डेडिकेटेड वार्ड में सातों दिन 24 घंटे डॉक्टर और नर्स की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिया गया है. साथ ही वार्ड में आवश्यकता अनुसार एसी, कूलर, पीने के ठंडे पानी के साथ ही ऑक्सीजन की व्यवस्था करने का निर्देश भी अस्पताल प्रबंधन को दिया गया है. डीएमसीएच की अधीक्षक डॉ अलका झा ने बताया कि भीषण गर्मी व लू के मद्देनजर अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है. इसके तहत पेयजल, दवा, एसी का इंतजाम किया जा रहा है. वहीं प्रभारी सीएस डॉ अमरेंद्र मिश्रा ने बताया कि वर्तमान मौसम में बेहतर चिकित्सकीय प्रबंध किये जा रहे हैं. सभी प्रखंड अस्पताल में दो-दो बेड सुरक्षित किये गये हैं. जरूरत के अनुसार दवा का स्टॉक भी कर लिया गया है.
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