Darbhanga News: दरभंगा. प्रतिमा को जल प्रवाहित करने के साथ शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा का महानुष्ठान शारदीय नवरात्र सोल्लास संपन्न हो गया. श्रद्धालुओं ने उदास मन से भगवती को विदा किया. इस दौरान मैथिली के पारंपरिक विदाई गीत के बोल से माहौल गमगीन हो गया. विजयादशमी के दिन से आरंभ प्रतिमा को जल प्रवाहित करने का क्रम रविवार की देर रात तक जारी रहा. इस दौरान गाजे-बाजे के साथ विसर्जन जुलूस निकाला, जिसमें विशेषकर युवा भक्तों का उल्लास एवं आस्था देखते ही बन रहा था. विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मी मुस्तैद रहे. इससे पूर्व शनिवार को भगवती दुर्गा के साथ देवी-देवताओं के पूजन का कार्य विधि-विधानपूर्वक संपन्न किया गया. जयंती काटी गया. देवी-देवताओं को अर्पित करने के पश्चात श्रद्धालुओं ने उसे धारण किया. इसके बाद मंगल घट के जल से घर-आंगन को सिक्त करते हुए शक्ति देवी से सपरिवार आशीर्वाद बनाए रखने की कामना की. तत्पश्चात प्रसाद ग्रहण कर व्रतियों ने अपना नौ दिनों का अखंड उपवास खंडित किया. संध्या काल पूजन के पश्चात महिलाओं ने माता को अक्षय, दूभि, सुपारी, हल्दी आदि से खोइंछा भर उन्हें अश्रु पूरित नेत्रों से विदाई दी. इस दौरान माहौल कारुणिक हो उठा. इसके बाद बड़े वाहन पर भगवती दुर्गा के साथ अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमा को सजाकर रखा गया. फिर गाजे-बाजे के साथ विसर्जन जुलूस निकाला. शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए यह जलाशय पहुंचा, जहां प्रतिमाओं को जल प्रवाहित किया गया. कुछ पूजा समितियों ने शनिवार को प्रतिमा को जहां विसर्जित किया, वहीं अधिकांश समितियों ने रविवार को जल प्रवाहित किया. इस दौरान गुलाल से सराबोर श्रद्धालुओं की टोली भक्ति गीतों पर झूमते माता का जयकारा लगाते हुए चल रही थी. देर रात तक बागमती नदी घाटों के अतिरिक्त हराही, दिग्घी, गंगासागर, माधवेश्वर सहित अन्य जलाशयों में विसर्जन जुलूस पहुंचता रहा.
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