महज झुलस रहे धान के बिचड़े बचाने लायक हुई बारिश

किसानों के चेहरे पर खुशी झलकने लगी है.

By Prabhat Khabar Print | July 2, 2024 11:22 PM

बहादुरपुर. जून माह के अंतिम सप्ताह व जुलाई की शुरुआत में हुई बारिश से एक ओर जहां आमलोगों को गर्मी से राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर किसानों के चेहरे पर खुशी झलकने लगी है. खरीफ के तहत आर्द्रा नक्षत्र में धान की रोपनी किसानों के लिए सबसे अच्छी मानी जाती है. हालांकि जिले के अधिकांश प्रखंडों में छिटफुट बारिश हो रही है. इस बारिश से किसानों को कोई खास फायदा नहीं हो पा रहा है. केवल धान का बिचड़े के झुलसने से बचने की बात सामने आ रही है. आसमान में छाए बादल को देखते हुए छोटे व मझोले किसान पम्प सेट चलाकर धान की रोपनी कर रहे हैं. प्रखंड के टीकापट्टी-देकुली के किसान श्याम नंदन यादव, खैरा के कृष्ण मोहन सिंह, विजय कुमार सिंह, पिड़री के नागेंद्र यादव, अन्दामा के संजीव लाल दास, राधे श्याम सिंह, धनश्याम सिंह सहित अन्य ने बताया इस बारिश से सबसे अधिक लाभ उन किसानों को मिला है, जिनके बिचड़े झुलस रहे थे. समय-समय पर सिंचाई कर बिचड़ों को बचाया है, वैसे किसानों के लिए यह बारिश संजीवनी का काम कर रही है. गत 29 जून की रात बारिश होने के बाद किसानों ने धान की रोपनी की शुरुआत की है. लगातार अनावृष्टि से भू-गर्भीय जलस्तर के नीचे चले जाने से खेतों में पानी का रुक नहीं रहा है. बारिश की आस में किसानों ने खेती करनी शुरु कर दी है. धान की खेती के लिए आर्द्रा नक्षत्र की बारिश सबसे उपयोगी मानी जाती है. इस नक्षत्र में की गई रोपनी से अच्छी पैदावार होने की उम्मीद रहती है. किसानों ने बताया कि इस बारिश में नीचे की जमीन में ही रोपनी संभव हो सकी है. इधर कृषि विभाग के अनुसार जिले के विभिन्न प्रखंडों में 29 व 30 जून को 257.2 मिलीमीटर वर्षापात रिकार्ड किया गया है. वहीं एक जुलाई को 246.20 मिमी व दो जुलाई को 182.8 मिलीमीटर वर्षापात रिकार्ड किया गया है. डीएओ सह परियोजना निदेशक आत्मा विपिन बिहारी सिन्हा ने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में छिटफुट बारिश हुई है. किसी प्रखंडों में अधिक तो किसी प्रखंडों में कम बर्षापात रिकार्ड किया गया है. लक्ष्य के अनुरुप बिचड़ा 82 प्रतिशत लगाया जा चुका है. छिटफुट धान की रोपनी शुरू की गयी है.

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