कंप्यूटर शिक्षकों की डिग्रियों की जांच कर रहा शिक्षा विभाग
बीपीएससी से शिक्षक बहाली में लगातार नये-नये फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं.
दरभंगा. बीपीएससी से शिक्षक बहाली में लगातार नये-नये फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं. अभी दूसरे राज्यों के शिक्षकों द्वारा आरक्षण लेने का मामला शांत भी नहीं हुआ था कि कंप्यूटर शिक्षकों का मामला सामने आ गया है. वैसे कंप्यूटर शिक्षक जो बिना पोस्ट ग्रेजुएट, बीटेक, बीटेक आइटी के डिप्लोमा और बीसीए डिग्री पर शिक्षक बने हैं, उनके लिए खतरे की घंटी बज गयी है. जांच में पकड़े जाते हैं तो उनकी नौकरी जा सकती है. दरअसल हाइकोर्ट में मामला दायर कर कहा गया कि योग्यता पूरी नहीं करने वाले कुछ कंप्यूटर शिक्षक बहाल कर दिये गये हैं. इनके पास सिर्फ डिप्लोमा और बीसीए की डिग्री है. न्यायादेश के आलोक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा जारी आदेश पर जिले में कंप्यूटर शिक्षकों की शैक्षणिक फाइल की जांच शुरू हो गई है. एमएल एकेडमी परिसर स्थित नियुक्ति कोषांग में दोनों चरणों में बहाल कंप्यूटर शिक्षकों की फाइल जांच की जा रही है. डीपीओ स्थापना खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. बता दें कि जिले में कंप्यूटर शिक्षक की कुल 336 रिक्तियां थी. प्रथम चरण में 307 एवं दूसरे चरण में 29 शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. शिक्षा विभाग के जानकार बताते हैं कि कंप्यूटर शिक्षकों के लिए नियुक्ति के समय बीएड अनिवार्य नहीं था. डिप्लोमा सर्टिफिकेट, बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन, बैचलर ऑफ कंप्यूटर साइंस या बैचलर ऑफ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी वाले अभ्यर्थियों के लिए किसी भी विषय से पीजी का डिग्री जरूरी था. यह डिग्री 2019 की एसटीइटी परीक्षा से पहले की होनी थी. बताया जाता है कि कुछ अभ्यर्थियों ने पीजी सर्टिफिकेट, एसटीइटी सर्टिफिकेट 2019 के बाद का लगा दिया. विभाग इसी की जांच कर रहा है. डीपीओ स्थापना संदीप रंजन ने बताया कि विभाग से मिले निर्देश पर जिले के कंप्यूटर शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता से जुड़े सभी कागजात की जांच की जा रही है. दो चरणों में बहाल शिक्षकों की शैक्षणिक फाइलों का एक-एक कर परीक्षण किया जा रहा है.
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