नाबालिग से दुष्कर्म मामले में तीन को आजीवन कारावास
अदालत ने 17 अगस्त को तीनों को दोषी पाया था.
दरभंगा. पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश प्रोतिमा परिहार की अदालत ने एक 11 वर्षीय नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने के दोषी अशोक पेपर मिल थाना क्षेत्र के मनोरथा गांव के उमेश लालदेव के पुत्र माया शंकर लालदेव, कैलाश लालदेव के पुत्र अंकेश लालदेव तथा भिखारी लालदेव के पुत्र छोटे लालदेव को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने 17 अगस्त को तीनों को दोषी पाया था. तीनों 04 मार्च 2020 से जेल में है. प्राप्त जानकारी के अनुसार अदालत ने तीनों दोषियों को भादवि की धारा 363 में पांच वर्ष कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड, धारा 366 (ए) (नाबालिग का अपहरण) में दस वर्ष कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड, धारा 376 डीपी में आजीवन कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड और पॉक्सो एक्ट की धारा 06 में 20 वर्ष कारावास और दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. सभी सजा साथ- साथ चलेगी.
पीड़िता को 10 लाख रुपये मुआवजे का आदेश
अदालत ने पीड़िता के पुनर्वास के लिए बिहार पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत दस लाख रुपये मुआवजा भुगतान का आदेश दिया है. स्पेशल पीपी विजय पराजित के अनुसार दो मार्च 2020 को बच्ची अपनी मां के ननिहाल में एक शादी समारोह में भाग लेने गई थी. रात के 10 बजे वह आवश्यक क्रिया के लिए एकांत में गई, तो तीनों आरोपी उसे मोटरसाइकिल पर अगवा कर जंगल में ले गया तथा दुष्कर्म किया. परिजनों द्वारा खोज करने पर वह बेहोश मिली. दूसरे दिन बच्ची ने आप बीती सुनाई. जब बच्ची को शादी स्थल पर लाया गया, तो उसने अभियुक्तों की पहचान की. घटना की प्राथमिकी पीड़िता के मां के बयान पर महिला थाना में दर्ज हुई. पीड़िता का 15 दिनों तक डीएमसीएच में इलाज चला. मामले में तीनों आरोपियों की पटना उच्च न्यायालय से भी जमानत अर्जी खारिज हो गई थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है