एआइएसएफ ने मिथिला विश्वविद्यालय का कामकाज किया बाधित

मिथिला विश्वविद्यालय इकाई की ओर से मंगलवार को विश्वविद्यालय में व्याप्त अराजकता एवं छात्रों की ज्वलंत मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 13, 2024 10:29 PM

दरभंगा. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआइएसएफ) मिथिला विश्वविद्यालय इकाई की ओर से मंगलवार को विश्वविद्यालय में व्याप्त अराजकता एवं छात्रों की ज्वलंत मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया. विवि क्षेत्राधीन चारों जिले से संगठन से जुड़े काफी संख्या में छात्र आंदोलन में शामिल हुए. छात्र सीएम लॉ कॉलेज से जुलूस के रूप में आकाशवाणी, जीएम गंज, आयकर चौराहा, होते हुए मिथिला विश्वविद्यालय पहुंचे. जुलूस का नेतृत्व संगठन के राष्ट्रीय सचिव आमीन हमजा, राज्य सह सचिव सुधीर कुमार, जिला सचिव शशि रंजन ने किया. विश्वविद्यालय में सभी विभागों को बंद करते हुए छात्रों ने परिसर में सभा की. अध्यक्षता संगठन के राज्य सह सचिव शरद कुमार सिंह ने की. राष्ट्रीय सचिव आमीन हमजा ने कहा कि मिथिला विश्वविद्यालय में शैक्षणिक अराजकता है. विश्वविद्यालय के आला अधिकारी हमेशा विश्वविद्यालय से नदारद रहते हैं. विश्वविद्यालय में नामांकन में गड़बड़ी है. आम छात्र नामांकन से वंचित हो रहे हैं. विश्वविद्यालय अविलंब इसका निदान निकाले. राज्य सह सचिव सुधीर कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय सिर्फ लूट का अड्डा बनकर रह गया है. गरीब, किसान, मजदूर के बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है. नई शिक्षा नीति इसी का एक मसौदा है. राज्य सह सचिव राकेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय हमारी मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार करे, अन्यथा आंदोलन को और तेज करेंगे. एससी-एसटी छात्र और सभी वर्ग की छात्राओं को स्नातकोत्तर तक निःशुल्क नामांकन की गारंटी हो. दोषी कॉलेज प्रशासन पर कार्रवाई की जाये. जीडी कॉलेज बेगूसराय में बंद पड़े विश्वविद्यालय विस्तार केंद्र को अविलंब चालू किया जाए. दूरस्थ शिक्षा निदेशालय व सीएम लॉ कॉलेज को चालू किया जाए. छात्र संघ का चुनाव हो. महाविद्यालय में आधारभूत संरचना के साथ पुस्तकालय एवं प्रयोगशालाओं को समुन्नत किया जाए. कहा कि श्री कृष्ण महिला कॉलेज बेगूसराय तथा एमकेएस कॉलेज चंदौना में पीजी की पढ़ाई शुरू की जाए. सभी महाविद्यालय में लाइब्रेरियन, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के रिक्त पदों पर अविलंब बहाली की जाये. विश्वविद्यालय में एमएड की पढ़ाई शुरू हो. एडवांस रिसर्च सेंटर को चालू किया जाए. विश्वविद्यालय में चिकित्सा पदाधिकारी नियुक्त करते हुए अस्पताल को सुचारु किया जाए. संगठन ने कहा कि नैक मूल्यांकन के समय पीजी विभाग भेजे गए शिक्षकों को मूल महाविद्यालय भेजा जाए. रिजल्ट में गड़बड़ी का आवेदन के दो दिनों में सुधार किया जाए. हिंदी विभाग के शिक्षक पर लगे आरोपों की जांच कर कार्रवाई की जाये. कहा कि अगर मांगों पर विश्वविद्यालय गंभीरता पूर्वक बात नहीं करता है, तो आंदोलन को और उग्र करेंगे. आंदोलनकारियों का शिष्टमंडल बाद में कुलानुशासक, प्रभारी कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक से वार्ता किया. उनके स्तर के ठोस आश्वासन व कुलपति से सभी समस्याओं पर विस्तार पूर्वक वार्ता के आश्वासन पर आंदोलन को समाप्त किया गया. प्रदर्शन में अमरेश कुमार, अरशद सिद्दीकी, अविनाश कुमार, सत्यम भारद्वाज, किशोर कुमार, अखिलेश कुमार, जितेंद्र कुमार, प्रसनजीत प्रभाकर, ध्रुव कुमार, अमित कुमार, शंकर कुमार यादव, रवि शंकर सिंह, रामबाबू यादव आदि शामिल थे.

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