सिमरी हाट से लाखों के राजस्व की वसूली, एक अदद चापाकल की सुविधा नहीं
सिमरी में सोमवार व शुक्रवार को लगने वाले हाट से लाखों राजस्व की वसूली के बावजूद यहां बुनियादी सुविधा नहीं है.
सिंहवाड़ा. सिमरी में सोमवार व शुक्रवार को लगने वाले हाट से लाखों राजस्व की वसूली के बावजूद यहां बुनियादी सुविधा नहीं है. हाट में केवल एक चापाकल है, वह भी वर्षो से खराब पड़ा है. इस कारण दुकानदार व ग्राहक इस भीषण गर्मी में पानी पीने के लिए भटकते रहते हैं. हाट के बगल में अवस्थित महावीर मंदिर के प्रांगण स्थित चापाकल पर लोग निर्भर हैं. वैसे पूरे हाट में कचरा भी जहां-तहां फैला रहता है. मध्य विद्यालय की दीवार के पीछे मीट व मछली का बाजार लगता है. इसकी गंदगी व कचरा विद्यालय की दीवार के पास ही फेंक दिया जाता है. इससे उठनेवाली सड़ांध से विद्यालय के छात्र-छात्रा व शिक्षक के साथ उधर से गुजरने वाले राहगीरों के लिए सांस लेना मुश्किल होता है. शिक्षकों का कहना है की इस समस्या को लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधि से शिकायत की गई, लेकिन इस गंभीर समस्या के निदान के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. बता दें कि इस ग्रामीण हाट में सिमरी, कंसी, माधोपुर, बस्तवाड़ा, भराठी समेत दो दर्जन से अधिक गांव के लोग साग-सब्जी खरीदने के लिए आते हैं, लेकिन पानी के साथ यहां शौचालय का भी प्रबंध नहीं है. इस कारण महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है. यहां वर्षों पुराना एक शेड है, जो जर्जर स्थिति में है. इसका अस्तित्व स्थानीय दुकानदारों ने खंबा लगाकर बचा रखा है. सबसे अधिक परेशानी बरसात के समय होती है. हल्की वारिश में ही पूरा हाट परिसर कीचड़ से लथपथ हो जाता है. जलनिकासी की सुविधा नहीं होने के कारण जलजमाव की गंभीर समस्या है. सामान बेचने वाले अपने स्तर से मिट्टी डालकर सतह उंची कर किसी तरह दुकानदारी करते हैं. ग्रामीण चितरंजन मंडल, रामदयाल यादव, रामदास मंडल, दुकानदार रामप्रसाद साह, सुधीर साह, रामवृक्ष साह, ध्रुव साह आदि ने बताया कि इस हाट से लाखों रुपए के राजस्व की वसूली होती है, लेकिन सुविधा नदारद है. यहां सबसे गंभीर समस्या अतिक्रमण की है. हाट की जमीन का लोग अतिक्रमण कर चुके हैं. अतिक्रमण मुक्त कराने का कितने बार प्रयास किया गया, लेकिन यह अतिक्रमणमुक्त नहीं हो पाया. इस कारण हाट दिन-प्रतिदिन संकीर्ण होता जा रहा है. मुखिया दिनेश महतो ने बताया कि चापाकल खराब होने की बात संज्ञान में नहीं आयी है, लेकिन मीट-मछली का कचरा विद्यालय के पास फेंके जाने की शिकायत स्थानीय ठेकेदार से की थी, पर वह भी कहीं व्यवस्था नहीं कर पाए. इस कारण यह गंभीर समस्या बनी हुई है. इस बावत सीओ नेहा कुमारी के मोबाइल पर संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन वह रिंग होने के बावजूद कॉल रिसीव नहीं कर सकी.
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