गंगवाड़ा ग्रिड के आधा दर्जन उपकेंद्रों से दोपहर तक ठप रही बिजली, 3.25 लाख की आबादी प्रभावित
बदले मौसम से लोगों को एक तरफ उमस से राहत मिली, तो दूसरी ओर गंगबाड़ा ग्रिड में शुक्रवार को समस्या आ जाने के कारण बिना बिजली के 65 हजार उपभोक्ता हलकान रहे
दरभंगा. बदले मौसम से लोगों को एक तरफ उमस से राहत मिली, तो दूसरी ओर गंगबाड़ा ग्रिड में शुक्रवार को समस्या आ जाने के कारण बिना बिजली के 65 हजार उपभोक्ता हलकान रहे. घंटों बिजली गुल रहने से परेशान उपभोक्ता इधर-उधर जानकारी लेने के लिए परेशान रहे. बिजली आपूर्ति व्यवस्था चरमराने से लोगों की दिनचर्या पूरी तरह प्रभावित हो गयी. गुरुवार की अहले सुबह व फिर शाम में तेज आंधी के साथ हुई वर्षा से उमस भरी गर्मी से काफी हद तक राहत मिली. दिनभर तेज हवा सुकून पहुंचाती रही, लेकिन दूसरे दिन बिजली आपूर्ति बाधित रहने से करीब सवा तीन लाख की आबादी बुरी तरह प्रभावित रही. गंगवाड़ा ग्रिड से जुड़े छह उपकेंद्रों की बिजली ठप रही. सुबह करीब 10 बजे ग्रिड में तकनीकी खराबी आ गयी. मेंटिनेंस टीम उस खराबी को दूर करने में जुट गयी. इस बीच दोपहर 1.30 बजे तक आपूर्त्ति बाधित रही. रामनगर ग्रिड से जुड़े पंडासराय उपकेंद्र का गुरुवार को हुए 33 केवीए ब्रेकडाउन शुक्रवार की दोपहर 1.15 बजे तक दुरूस्त नहीं हो सका. उससे पहले डीएमसीएच पीएसएस के बैकफीड से किसी तरह काम चलाने की कोशिश की गई, लेकिन अधिक लोड के कारण निर्वाध आपूर्त्ति में बाधा उत्पन्न होती रही. ग्रिड से समस्या दूर होने के बाद बेला यार्ड में स्वीच की समस्या आ जाने के कारण बेला व एरिया बोर्ड से बिजली आपूर्त्ति में समस्या उत्पन्न हो गयी. तेज हवा से लाइन के संपर्क में आ रही टहनियों को छांटने के लिए लक्ष्मीसागर उपकेंद्र को शटडाउन पर रखा गया. यह स्थिति खबर लिखे जाने तक बनी हुई थी. गंगवाड़ा ग्रिड से जुड़े बेला, न्यू कादिराबाद, एरिया बोर्ड, अर्बन, डीएमसीएच व लक्ष्मीसागर पशुपालन उपकेद्र के करीब 65 हजार उपभोक्ता बिना बिजली हलकान रहे. न्यू कादिराबाद फ्लोटिंग पावर प्लांट से बैक फीड के जरिए उपकेंद्र से बिजली देकर राहत देने की कोशिश की गयी, पर उपभोक्ताओं को विशेष राहत नहीं मिली. क्षमता से अधिक लोड परेशानी खड़ा करता रहा. ग्रिड से कुछ समय के लिए बिजली आपूर्ति जरूर हुई, लेकिन वह भी महज 12.20 से 12.36 बजे तक ही. अन्य उपकेंद्र भी बैक फीड से 30-45 मिनट का लोड सेडिंग कर बिजली आपूर्ति की गई. जानकारी के अनुसार, ग्रिड के दो पावर ट्रांसफार्मर सर्विस में हैं, वहीं एक की समस्या दूर करने का काम चल रहा है. बता दें कि इस ग्रिड से लगभग 65 हजार उपभोक्ता जुड़े हैं. एक परिवार में औसतन पांच सदस्य ही मानें तो आंकड़ा 3.25 लाख पहुंच जाता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है