कुहासे के कारण दरभंगा एयरपोर्ट से विमानों का परिचालन हुआ बाधित

दरभंगा एयरपोर्ट पर कम दृश्यता की वजह से ठंड के मौसम में विमान सेवा बाधित हो जाती है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 15, 2024 11:45 PM

अजय कुमार मिश्रा, दरभंगा

दरभंगा एयरपोर्ट पर कम दृश्यता की वजह से ठंड के मौसम में विमान सेवा बाधित हो जाती है. यह सिलसिला लगातार चार साल से चल रहा है. शुक्रवार को इस सीजन के पहले दिन कुहासा के कारण दरभंगा से सभी विमानों का परिचालन घंटों विलंब से हुआ. दिल्ली रूट पर केवल एक जहाज का परिचालन हो सका. इसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ा. दिल्ली रूट पर फ्लाइट कैंसिल होने से कई यात्रियों को आपात स्थिति में पटना से यात्रा की योजना बनानी पड़ी. विमान कैंसिल होने का कारण दरभंगा एयरपोर्ट पर कम कैट टू लाइट का इंस्टालेशन नहीं होना बताया जा रहा है. इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी हुई है.

हर साल औसतन 60 से अधिक विमानों की आवाजाही प्रभावित

उड़ान योजना के तहत दरभंगा हवाई अड्डा की शुरुआत आठ नवंबर 2020 को हुई थी. रनवे पर लो विजिबिलिटी के कारण विमानों के परिचालन में समस्या होती है. जानकारी के मुताबिक हर साल करीब 60 से अधिक फ्लाइट की आवाजाही प्रभावित होती है. विभागीय जानकारी के अनुसार, पिछले साल 2023 के जनवरी व 2022 के दिसंबर माह में 67 विमान का परिचालन कम दृश्यता के कारण ठप रहा. इस हिसाब से विगत चार सालों में औसतन 300 फ्लाइट रद्द हुई. प्रति फ्लाइट 150 पैसेंजरों के हिसाब से 45 हजार यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. विभिन्न रूटों पर टिकट बुक करने के बाद भी लोग यात्रा नहीं कर सके.

2021 से चल रहा कैट टू लाइट लगाने का कार्य

दरभंगा एयरपोर्ट को शुरू हुए चार साल से अधिक हो गये हैं. इसके बाद भी उड़ान सेवा सामान्य रूप से संचालित नहीं हो रही है. खासकर ठंड के मौसम में धुंध की वजह से फ्लाइट को कैंसिल कर दिया जाता है. मालूम हो कि 2021 से क्लियर एयर टर्बुलेंस (कैट टू आइएलएस) एवं एयरोनॉटिकल ग्राउंड लाइटिंग सिस्टम (एजीएलएस) की संस्थापन का कार्य संचालित है. अब तक कार्य पूरा नहीं हो सका है. जबकि भारतीय वायु सेना के अनुसार इस कार्य को अप्रैल 2024 में पूरा कर लेना था. बताया गया कि कैट टू लाइट लगाने का कार्य इस साल के अंत तक पूरा कर लिया जायेगा.

शून्य दृश्यता में भी लैंड कर सकेंगे विमान

दरभंगा रनवे के समीप कैट टू लाइट लगाने के बाद पायलटों को कोहरे में भी विमान उतारने में कोई परेशानी नहीं होगी. विमानों के उड़ान भरने और उतरने में सबसे महत्वपूर्ण उपकरण इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आइएलएस) कैट टू लाइट जरूरी है. इस प्रणाली से विमानों के उतरने और उड़ान भरने के लिए कम दृश्यता बाधा नहीं बनती है.

अगले दो दिनों तक जारी रहेगा घना कुहासा

घना कुहासा अगले दो दिनों तक जारी रहेगा. उसके बाद कुहासा में कमी आएगी. अगले तीन-चार दिनों में न्यूनतम तापमान में दो डिग्री सेल्सियस गिरावट आ सकती है. यह जानकारी जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र, डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा, समस्तीपुर की ओर से दी गयी है.

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