Darbhanga News: नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ आज से शुरू

Darbhanga News:नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार से आरंभ हो जायेगा. इसे लेकर एक दिन पूर्व से ही श्रद्धालु के परिवार में उत्सवी वातावरण नजर आने लगा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 4, 2024 9:48 PM

Darbhanga News: दरभंगा. नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार से आरंभ हो जायेगा. इसे लेकर एक दिन पूर्व से ही श्रद्धालु के परिवार में उत्सवी वातावरण नजर आने लगा है. नहाय-खाय के अगले दिन बुधवार को पूरे दिन निर्जला उपवास रख व्रती संध्या काल खरना करेंगे. इसके अगले दिन सात नवंबर गुरुवार को महापर्व छठ का पहला अर्घ अस्ताचलगामी सूर्य को अर्पित किया जायेगा. सोमवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ अर्पण के संग सूर्योपासना का यह महापर्व शुक्रवार को संपन्न होगा. इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास व्रती खंडित करेंगे. इसकी तैयारी लोगों ने लगभग पूरी कर ली है. नहाय-खाय के दिन सुबह व्रती पवित्र जल से स्नान करेंगे. भगवान सूर्य को अर्घ देने के पश्चात पूजा-अर्चना करेंगे. नया परिधान धारण कर व्रती नहाय-खाय करेंगे. महिलाएं नाक से सिंदूर कर पूजन करेंगी. नहाय-खाय के लिए व्रती के संग घर की अन्य महिलाएं मिट्टी के नये चूल्हे पर अरवा भोजन पकायेंगी. इसमें अरवा चावल का भात, मूंग की दाल, कद्दू की सब्जी, अन्य सब्जी, तरूआ आदि पकाया जायेगा. इस भोजन में हल्दी का प्रयोग निषिद्ध होता है. वहीं सामान्य नमक की जगह सेंधा नमक का उपयोग करने का विधान है. संध्या काल मिट्टी के चूल्हे पर ही खुद धो-कूटकर तैयार गेहूं के आटा की रोटी और सब्जी बनायी जायेगी, जिसे व्रती ग्रहण करेंगे. इस अवसर पर कद्दू की सब्जी ग्रहण करने की परंपरा है. लिहाजा एक दिन पूर्व से ही बाजार में कद्दू की मांग बढ़ गयी. दुकानदारों ने भी पर्याप्त मात्रा में कद्दू सजा रखे थे. मांग बढ़ने एवं इसकी प्रधानता को देखते हुए इसकी कीमत बढ़ा रखी थी. आमतौर पर 20 से 40 रुपये में मिलने वाले कद्दू की आज कोई निर्धारित कीमत नहीं थी. मनमाने दाम पर इसे बेचा जा रहा था. कोई 60 तो कोई 80 रुपये दाम बता रहा था. मजबूरन किलो में भी लोग कद्दू खरीदते दिखे.

खुद घाटों की सफाई कर रहे श्रद्धालु

इधर महज दो दिन शेष रहने के कारण छठ घाटों की सफाई में श्रद्धालु खुद जुट गये हैं. अपने अर्घ को घाट पर सजाने एवं भगवान सूर्य को अर्पित करने के लिए घाट तैयार कर रहे हैं. शहर में नगर निगम प्रशासन की ओर से की गयी सफाई के बाद खुद कुदाल, खुरपी आदि लेकर युवाओं की टोली घाटों पर पहुंच गयी और सफाई में जुट गयी. वहीं घाटों की साज-सज्जा भी शुरू हो गयी है. वातावरण पारंपरिक छठ गीतों के बोल से गुंजायमान होने लगा है.

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