Darbhanga News: जयकारे एवं घड़ीघंट के मधुर ध्वनि से गूंज उठा शहर का कोना-कोना

Darbhanga News:शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा के रंग में पूरा शहर रंग गया है. चारों दिशाएं दुर्गा सप्तशती के मंत्र एवं भक्ति गीतों के बोल से गुंजायमान हो रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | October 9, 2024 11:26 PM
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Darbhanga News: दरभंगा. शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा के रंग में पूरा शहर रंग गया है. चारों दिशाएं दुर्गा सप्तशती के मंत्र एवं भक्ति गीतों के बोल से गुंजायमान हो रहे हैं. भक्ति की मंदाकिनी चहुंओर से प्रवाहित हो रही है. इस भक्ति रसधार की गति बुधवार को बेलन्योति पर विभिन्न पूजा समितियों की ओर से निकल भव्य शोभा यात्रा से और तीव्र हो गयी. माता के जयकारे एवं घड़ीघंट के मधुर ध्वनि से शहर का कोना-कोना गूंज उठा. शारदीय नवरात्र के सातवें दिन षष्ठी तिथि के मुहूर्त में बुधवार को बेलन्योति के लिए माता की पालकी निकली. पूजन स्थल से पुरोहित की अगुवाई में यजमान अपने कंधे पर लेकर माता की पालकी चले. निर्धारित बेल वृक्ष के नीचे पहुंचकर विधिवत पूजा-अर्चना की. बेल को निमंत्रण दिया. चिन्हित बेल पर लाल कपड़ा बांध दिया गया. बता दें कि गुरुवार की सुबह चिन्हित बेल को विधिवत तोड़कर लाया जायेगा. इसके बाद पत्रिका प्रवेश पूजन के संग माता की प्रतिमा को चक्षुदान के पश्चात भक्तों के दर्शनार्थ भगवती का पट खोल दिया जायेगा. इस दौरान जगह-जगह से आज शोभा यात्रा निकली. कटहलबाड़ी, दरभंगा जंक्शन, लहेरियासराय गायत्री मंदिर समेत दर्जनों सार्वजनिक पूजा पंडालों से विशाल कलश शोभा यात्रा निकाली गयी. उत्साह के साथ भगवती स्वरूपा कन्याओं ने इसमें हिस्सा लिया. उल्लेखनीय है कि इस वर्ष नवरात्र के आठवें दिन सप्तमी व अष्टमी तिथि होने की वजह से माता का पट गुरुवार को खुलेगा. संध्या काल अष्टमी तिथि आरंभ हो जाने एवं इसके अगले दिन रात्रि काल में नवमी शुरू होने की वजह से निशा पूजन गुरुवार की रात ही विधि-विधानपूर्वक की जायेगी. वहीं महाअष्टमी व महानवमी का उपवास शुक्रवार को एक ही दिन किया जायेगा. अधिकांश महिला श्रद्धालु महाअष्टमी एवं महानवमी पर माता का खोइछा भरती हैं. लिहाजा शुक्रवार को पूजा पंडालों के साथ देवी मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ना तय है. इसे ध्यान में रखते हुए पूजा समितियों ने पूर्व तैयारी कर रखी है. दूसरी ओर सार्वजनिक पूजा पंडालों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है. मूर्तिकारों ने माता की प्रतिमा को अंतिम रूप दे दिया है. पूजा पंडालों से भव्यता प्रवाहित होने लगी है. विभिन्न प्रसिद्ध मंदिरों एवं स्थलों की आकृति का नजारा पंडालों से मिलने लगा है. सतरंगी रोशनी से शहर नहा उठा है.

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