एससी एसटी एक्ट में गुफरान को आजीवन सश्रम कारावास, 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी
अलीनगर थाना क्षेत्र के अलीनगर निवासी जहीर अंसारी के पुत्र मो. गुफरान अंसारी उर्फ जिबरान को एससी, एसटी की धारा 3(2) v में आजीवन सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी
दरभंगा. अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र कुमार की अदालत ने शुक्रवार को अलीनगर थाना क्षेत्र के अलीनगर निवासी जहीर अंसारी के पुत्र मो. गुफरान अंसारी उर्फ जिबरान को एससी, एसटी की धारा 3(2) v में आजीवन सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. वहीं भादवि की धारा 307 में 10 वर्ष की सश्रम कारावास और 10 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. अर्थदण्ड भुगतान नहीं करने पर तीन माह की सजा भुगतनी होगी. आर्म्स एक्ट की धारा 25(बी) ए में दो वर्ष की कारावास और एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी. अर्थदंड नहीं भुगतान करने पर एक माह कारावास की सजा भुगतनी होगी. 27 आर्म्स एक्ट में तीन वर्ष कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है. अर्थदंड नहीं भुगतान करने पर तीन माह कारावास की सजा भुगतनी होगी. सभी सजा साथ- साथ चलेगी.
नीरा नहीं पिलाने पर मार दी थी गोली :
मामले का संचालन कर रहे विशेष लोक अभियोजक संजीव कुमार कुंवर ने बताया कि 18 मई 2023 की रात अभियुक्त गांव के कामेश्वर महतो के घर नीरा पीने के लिए गया. दुकान बंद होने की बात कह सूचक ने कहा कि नीरा नहीं मिलेगा. इस बात से आक्रोशित होकर जीवरान कमर से पिस्टल निकालकर उसे गोली मार दी. जख्मी का इलाज डीएमसीएच के बाद स्थानीय एक निजी अस्पताल में हुआ. जख्मी महतो के फर्द बयान पर अलीनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी. मामले के अनुसंधानक ने घटना के तीन दिन बाद अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया. स्पीड ट्रायल के तहत आठ लोगों की गवाही कराई गई. अदालत ने विगत शनिवार को मामले की सुनवाई पुरी करते हुए अभियुक्त को दोषी पाया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है