Darbhanga News : 10 घंटे तक बिजली संकट से जूझता रहा आधा शहर, पूरी रात उमस से रहे बेचैन
सोमवार की शाम बेला व एरिया बोर्ड से बिजली आपूर्ति ठप होने के बाद रही. अर्बन एइ का मोबाइल बजा तो जरूर, पर रिसीव नहीं हुआ.
दरभंगा.
निर्वाध बिजली आपूर्ति में समस्या आते ही विभागीय मोबाइल काम करना बंद कर देता है. कॉल सेंटर सहित प्राय: सभी कर्मी व अधिकारियों का मोबाइल या तो आउट ऑफ नेटवर्क बताने लगता है, या फिर बिजी बताने लगता है. ऐसे में बिजली गुल रहने से संबंधित जानकारी लेने के लिए संपर्क करना उपभोक्ताओं के लिए लोहे के चने चबाने के बराबर हो जाता है. किसी अधिकारी के फोन पर घंटी बजती है, पर वे उठाते नहीं है. किसी का व्यस्त बता कुछ सेकेंड बाद कट जाता है. हद तो यह है कि 24 घंटे ऑन रहने वाले फ्यूज कॉल सेंटर का नंबर नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बताया जाने लगता है. कुछ यही हाल सोमवार की शाम बेला व एरिया बोर्ड से बिजली आपूर्ति ठप होने के बाद रही. अर्बन एइ का मोबाइल बजा तो जरूर, पर रिसीव नहीं हुआ. अधीक्षण अभियंता का मोबाइल भी घंटी देकर रह गया. लालबाग के जेइ का नंबर व्यस्त बता कुछ क्षण के बाद कट गया. बेला व एरिया बोर्ड उपकेंद्र पर उपलब्ध मोबाइल नंबर का भी कुछ ऐसा ही हाल रहा. उपभोक्ताओं की मानें तो सुबह पांच बजे कॉल रिसीव हुआ पर शिकायत का निबटारा 10 बजे किया गया. कटहलबाड़ी की दीक्षा, संजय, दीपक, टावर के राजू कुमार, प्रमोद, रोशन, बालूघाट के मिथिलेश श्रीवास्तव, पिंटू, बेला मोड़ के सतीश कुमार, स्टेशन रोड से रंजीत, मनोज, कादिराबाद के रंजीत कुमार, राजा आदि का कहना था कि ऐसी व्यवस्था में कहें किसको. मेंटेनेंस पल लाखों रुपये खर्च बाद भी सुविधा के बजाय असुविधा से जूझना पड़ता है.विभाग को कोसते हुए गुजारी रातसोमवार की शाम 5.30 बजे निर्वाध बिजली आपूर्ति में आयी समस्या मंगलवार की सुबह चार बजे तक बनी रही. बेला व एरिया बोर्ड उपकेद्र से जुड़े उपभोक्ता हलकान रहे. 33 केवीए इनकमिंग लाइन में फॉल्ट ढूंढ़ने में पेट्रोलिंग टीम लगी रही. उमस के बीच लोगों को रतजगा करना पड़ा. लोगों ने विभाग को कोसते हुए रात गुजारी. कादिराबाद फ्लोटिंग पावर प्लांट से लोड सेडिंग के तहत कुछ फीडरों को बिजली आपूर्ति मिलने पर भी विशेष राहत नहीं मिल रही थी. 15 मिनट से 25 मिनट के बाद बिजली कटते ही क्षणभर में पसीना से बदन तरबतर हो जाता था. इससे आजिज व आक्रोशित उपभोक्ताओं ने आधी रात में बेला व कादिराबाद उपकेंद्र पर जमकर हो-हंगामा किया. इसके बाद सुबह चार बजे के बाद स्थिति सामान्य हो सकी. इस बीच मौसम में भी सुधार हुआ.
फॉल्ट की तलाश में छूटा पसीना
33 केवीए लाइन में समस्या आने पर टीम ने पेट्रोलिंग शुरू कर दी. अभियंता व लाइन मैन का फॉल्ट ढूंढने में पसीना छूट गया. देर रात फॉल्ट मिला भी तो रात का समय होने के कारण वहां तक पहुंच पाना मुश्किल था. गंगवाड़ा में राइस मिल के पीछ पानी के बीच लाइन का जंफर कटा हुआ था. वहां तक जाने के लिए नाव की व्यवस्था करने का प्रयास असफल रहा. हिम्मत दिखा मानव बल चंदन कुमार जैसे-तैसे तार पर रेंगते हुए पहुंचा और समस्या दूर की. इसके बाद ग्रिड से उपकेद्र तक बिजली पहुंची व स्थिति सामान्य हो सकी. हालांकि इसके बाद स्थानीय स्तर पर कुछ ट्रांसफार्मरों के फेज कटने के कारण उपभोक्ताओं को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.रजिस्टर्ड मोबाइल पर नहीं मिलती सूचना
वर्ष 2018 में संबंधित फीडर के ग्राहकों को रजिस्टर्ड मोबाइल पर बिजली गुल होने व आने, शटडाउन, ब्रेकडाउन की पूर्व सूचना मिलने की बात विभाग ने कही थी. इसके लिए विभागीय ने सिस्टम पर संबंधित उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर तक अपडेट किया था. शुरुआत के कुछ माह इसने काम भी काम किया. फिर विभाग उपभोक्ताओं का मोबाइल नंबर साल 2019 में उर्जा मित्र एक्टिव करने की बात कही गई थी. बिजली आपूर्ति व गुल होने, वर्तमान स्थिति, शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की बात कही गई थी, पर आज तक ऐसा हो नहीं सका है. इइइ विकास कुमार ने बताया किअधिक कॉल आने के कारण उपभोक्ताओं का कॉल नहीं लग पाया होगा, वैसे इसकी जानकारी ले रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है