Darbhanga News: बेनीपुर. क्षेत्र में जमीन सर्वे का कार्य जोड़ पकड़ने लगा है. वहीं पंचायत कार्यालय में तैनात कर्मी इससे अपने-आपको अबतक अलग रखे हुए हैं. अधिकांश पंचायत कार्यालय में ताला झूलता रहता है. पंचायत कार्यालय स्तर के कार्यों के लिए भी लोग अंचल व प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. सनद रहे कि लोगों को गांव में ही पंचायत स्तर की विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए सरकार द्वारा पंचायत कार्यालय व आरटीपीएस काउंटर की स्थापना की गयी, जिससे विधवा, वृद्ध, दिव्यांग को पेंशन के लिए, किसानों को जमीन की दाखिल-खारिज का आवेदन सहित अन्य कार्यों के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े. सभी पंचायत सरकार भवन या पंचायत कार्यालय पर आरटीपीएस काउंटर संचालित कर एक-एक कार्यपालक सहायक सहित 11 कर्मी पदस्थापित किये गये, लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण सरकार की यह अति महत्वाकांक्षी योजना का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल रहा है. खासकर भू-सर्वे के कार्य के दौरान लोगों को राजस्व कर्मचारी, पंचायत सचिव व आरटीपीएस काउंटर से जुड़े कई कार्य के निष्पादन की जरूरत है, लेकिन प्राय: पंचायत कार्यालय में एक भी कर्मी नहीं बैठते. इस कारण लोगों को अंचल एवं प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है.
अनुश्रवण समिति की बैठक में उठा था मुद्दा
गत मंगलवार को एसडीओ की अध्यक्षता में आयोजित अनुमंडल आपूर्ति सह अनुश्रवण समिति की बैठक में जिला परिषद सदस्य अमित ठाकुर ने इस मुद्दा को जोर-जोर से उठाया. कहा कि कहीं भी पंचायत कार्यालय संचालित नहीं है. मंगलवार को दिन के 11.30 बजे शिवराम पंचायत आरटीपीएस काउंटर पर ताला झूल रहा था. एक भी कर्मी वहां मौजूद नहीं थे. अधिकांश लोगों ने बताया कि यह कार्यालय कभी-कभी खुलता है. सर्वे के समय में जानकारी के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ता है. पंचायत आरटीपीएस काउंटर या कार्यालय चालू रहता तो लोगों को इसके लिए कहीं भटकना नहीं पड़ता. कमोबेश यही हाल पोहद्दी पंचायत आरटीपीएस काउंटर व कार्यालय का भी है. वैसे प्रखंड के सभी 16 पंचायतों में संचिका पर पंचायत कार्यालय के साथ-साथ आरटीपीएस काउंटर संचालित हैं. सभी पंचायत कार्यालय में 11-11 कर्मी पदस्थापित हैं, जिसपर सरकार लाखों खर्च कर रही है, परंतु आमलोगों को इसका कोई खास फायदा नहीं हो रहा है. इस संबंध में पूछने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा कि नियमित रूप से सभी पंचायत कार्यालय व आरटीपीएस काउंटर खुलना चाहिए. पंचायत कार्यालयों की जांच कर उसके नियमित संचालन की विधिवत व्यवस्था की जाएगी.
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