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Darbhanga News, Education : भारत को विश्वगुरु बनना है तो उच्च शिक्षा को करना होगा उन्नत

बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय के साथ समाज की उन्नति ही शिक्षा का उद्देश्य है. मिथिला विद्या- भूमि रही है.

दरभंगा.

बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय के साथ समाज की उन्नति ही शिक्षा का उद्देश्य है. मिथिला विद्या- भूमि रही है. यहां घर-घर में सरस्वती विराजमान थी, पर आधुनिक दौर के युवा शिक्षा से विमुख हो रहे हैं. नयी पीढ़ी अधिक पढ़ना नहीं चाहती है. शार्टकट से उन्नति प्राप्त करना ध्येय बन गया है. नतीजतन उच्च शिक्षा का ह्रास हो रहा है. इसका प्रभाव समाज पर पड़ा है. डॉ प्रभात दास फाउंडेशन के 19वें स्थापना दिवस पर लनामिवि के पीजी जंतु विज्ञान विभाग में “उच्च शिक्षा और समाज ” विषय पर आयोजित सेमिनार में कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ देवनारायण झा ने यह बातें कही.

डॉ झा ने कहा कि आगम, स्वाध्याय, प्रवचन और व्यवहार के तौर पर शिक्षा के चार चरण माने गए हैं. व्यक्ति के व्यवहार से ही उसके शिक्षित या अशिक्षित होने का भान हो जाता है. कहा कि भारत को विश्वगुरु बनना है, तो उच्च शिक्षा को उन्नत करना होगा. अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, जापान, इजरायल आदि देश इसलिए विकसित हो रहे हैं, क्योंकि वहां उच्च शिक्षा अधिक लोग प्राप्त करते हैं. जरूरत ऐसी शिक्षा देने की है, जिससे बच्चे विद्वान एचं चरित्रवान बन सके.

समाज में बुद्विजीवियों के लिए नहीं बची जगह : डॉ अरविंद

पूर्व प्रधानाचार्य डॉ अरविंद झा ने कहा कि उच्च शिक्षा में गिरावट आने से सामाजिक वातावरण प्रभावित हुआ है. लोग अपनी भूमिका भूल गए हैं. राजनीतिज्ञ कूटनीतिज्ञ बन गए है और कूटनीतिज्ञ राजनीति कर रहे हैं. समाज में बुद्विजीवियों के लिए जगह ही नहीं बची है. शिक्षक कहते हैं कि कक्षा में छात्र नहीं आते और छात्र कह रहे कि शिक्षक पढ़ाते नहीं. इस स्थिति में बदलाव से ही उच्च शिक्षा का भला हो सकता. सामाजिक संकायाध्यक्ष डॉ पीसी मिश्रा ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने पर ही व्यक्ति विवेकवान बनता है. पूर्व प्रधानाचार्य डॉ विद्यानाथ झा ने कहा कि उच्च शिक्षित व्यक्ति के साथ ही अन्य लोगों के आचरण से सामाजिक बदलाव संभव है.

कोचिंग सेंटरों में फलफूल रही उच्च शिक्षा : डॉ झा

भूगोल विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ टुनटुन झा अचल ने कहा कि उच्च शिक्षा कोचिंग सेंटरों में फलफूल रही है. नयी पीढ़ी तरक्की तो कर रही है, पर सामाजिक तानाबाना टूट रहा है. संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ घनश्याम महतो ने कहा कि सबके प्रयास से ही उच्च शिक्षा के प्रति लोगों की रुझान बढ़ेगी. एनएसएस कोर्डिनेटर डॉ आरएन चौरसिया ने कहा कि उच्च शिक्षा से व्यक्ति सिर्फ ज्ञानवान ही नहीं बनता, बल्कि उसका सर्वांगीण विकास होता है. डॉ अनुरंजन ने कहा कि उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने से ही विकसित समाज का लक्ष्य पूर्ण होगा. अतिथियों का स्वागत जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ अजयनाथ झा, संचालन फाउण्डेशन के सचिव मुकेश कुमार झा तथा धन्यवाद ज्ञापन अनीस सिद्दीकी ने किया.

एक दर्जन विद्वानों को मिला शिक्षा सम्मान :

कार्यक्रम के दौरान एक दर्जन विद्वानों को शिक्षा सम्मान से सम्मानित किया गया. मुकेश कुमार झा ने फाउंडेशन का वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया. फाउंडेशन के कार्यकर्ता अनिल कुमार सिंह, राजू सिंह, साकेत चौधरी, राकेश कुमार झा, इंदू झा, रश्मि कुमारी, शोभा देवी, योगेंद्र यादव, मोहन साह, राजीव कुमार, आशुतोष सरगम, नीरज चौधरी, लइक अहमद, राजकुमार आदि को भी सम्मानित किया गया.

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