दरभंगा. राज्य के सभी विद्यालयों में पहली से 12वीं तक के नामांकित बच्चों के विवरणी आधार संख्या के साथ इ-शिक्षा कोष पोर्टल पर प्रविष्टि की जा रही है. वर्तमान में विद्यालयों में नामांकित बच्चों का आधार बनाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता है. प्रखंड कार्यालय एवं प्रधानाध्यापक द्वारा अवगत कराया गया है कि इ- शिक्षा कोष पोर्टल पर सभी विद्यार्थियों के डाटा प्रविष्टि के क्रम में बच्चों के द्वारा विद्यालय में नामांकन के समय दिये गये जन्मतिथि तथा आधार कार्ड पर अंकित जन्मतिथि में अंतर होने के कारण इंट्री नहीं हो पाती है. ऐसी स्थिति में आधार में अपडेट करने के लिए क्यूआर कोड युक्त जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है. साथ ही नया आधार बनाने के लिए भी क्यूआर कोड युक्त जन्म प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है. इस आलोक में जिला पदाधिकारी राजीव रौशन ने सभी बीडीओ, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी एवं बीइओ को योजना एवं विकास विभाग बिहार पटना के जन्म और मृत्यु के निदेशक सह मुख्य रजिस्ट्रार द्वारा गत 12 अगस्त 2024 को जारी दिशा-निर्देश के आलोक में कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने आपस में समन्वय स्थापित करते हुए त्वरित गति से क्यूआर कोड युक्त जन्म प्रमाण पत्र बनाने का कार्य सुनिश्चित करने को कहा है. बिहार सरकार के योजना एवं विकास विभाग अंतर्गत अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय ने 12 अगस्त 2024 को जारी आदेश में कहा है कि जन्म की घटनाओं का रजिस्ट्रीकरण के लिए बच्चों के माता-पिता अथवा उनकी अनुपस्थिति में नजदीकी रिश्तेदार (वयस्क व्यक्ति) द्वारा स्व घोषणा पत्र एवं आवेदक का आधार अथवा पहचान पत्र के आधार पर संबंधित प्रखंड में आवेदन किया जायेगा. एक वर्ष से ऊपर के जन्म की स्थिति में 10 रुपए के शुल्क देय होगा. बीडीओ सह अपर जिला रजिस्ट्रार प्राप्त आवेदनों की शुद्धता की जांच करेंगे तथा आवेदन संबंधित प्रखंड अथवा शहरी क्षेत्र के सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी को उपलब्ध करायेंगे. सहायक सांख्यिकी पदाधिकारी का यह दायित्व होगा कि सभी प्राप्त आवेदनों को यथाशीघ्र रजिस्ट्रीकृत कर प्रमाण पत्र निर्गत करेंगे. जन्म रजिस्ट्री कार्यक्रम के दौरान सीआरएस रिवैंप पोर्टल पर ऑनलाइन प्रविष्टि एवं जन्म निबंध अथवा वितरण पंजी के संधारण के लिए संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी द्वारा आवश्यक सहयोग किया जाएगा. वर्तमान शैक्षिक सत्र से सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों के शत प्रतिशत छात्र-छात्राओं का इ-शिक्षाकोष पोर्टल पर इंट्री अनिवार्य है. इसके लिए सभी बच्चों के पास आधार संख्या का होना आवश्यक है. किंतु समीक्षा के क्रम में पाया गया कि करीब 20 प्रतिशत छात्रों के पास आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है अथवा उपलब्ध आधार कार्ड का जन्म तिथि विद्यालय अभिलेख से मेल नहीं खा रहा है.
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